त्योहार के मौसम में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति 2022 लागू की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मंजूरी दे दी गई। इसके बाद झारखंड उद्योग विभाग की ओर से इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
अब हेमंत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर अनुदान देगी। जारी अधिसूचना के मुताबिक झारखंड में अगर कोई नई इलेक्ट्रिक कार खरीदता है तो उसे 1.5 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा। राज्य में सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि अलग-अलग है. इलेक्ट्रिक स्कूटी या बाइक खरीदने पर 10 हजार रुपये, इलेक्ट्रिक ऑटो पर 30 हजार रुपये और ई-बस की खरीदारी पर 20 लाख रुपये तक दिए जाएंगे।
EV के पहले 10 हजार खरीदारों को 100 प्रतिशत
इसके अलावा सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स में छूट का भी ऐलान कर रही है। झारखंड सरकार भी इन वाहनों के जरिए अपने उत्पादन का क्षेत्र बढ़ाना चाहती है। झारखंड सरकार ने भी राज्य के भीतर उत्पादन करने वाले उद्योगों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। EV के पहले 10 हजार खरीदारों को 100 प्रतिशत, 10 से 15 हजार खरीदारों को 75 प्रतिशत और इसके बाद 25 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है।
जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार अनुदान के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स में भी छूट देगी. झारखंड को इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाने के लिए राज्य की हेमंत सरकार ने नई नीति लागू की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग की समस्या न हो, शहरी क्षेत्रों में हर तीन किमी या दस लाख की आबादी के लिए 50 चार्जिंग स्टेशन खोलने की योजना है।
30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी
वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर हर 25 किलोमीटर की दूरी पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाएगा। अगर कोई इलेक्ट्रिक वाहन के लिए चार्जिंग स्टेशन खोलता है, तो सरकार उसे सब्सिडी भी देगी। अधिसूचना के अनुसार चार्जिंग स्टेशन के लिए 50 से 60 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। वहीं अगर कोई कंपनी झारखंड में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाती है तो उसे 2 करोड़ रुपये से लेकर 30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।