झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कहा कि दुबई में बंधक बनाए गए गुमला जिले के दोनों युवकों को मुक्त कराने के लिए राज्य सरकार त्वरित कदम उठाएगी और इसके लिए विदेश मंत्रालय का सहयोग लिया जाएगा। पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने यहां विधानसभा भवन में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें बताया कि गुमला जिले के घाघरा प्रखंड स्थित नवडीहा बरटोली गांव के रहने वाले सुनील भगत और डुको गांव के अजय उरांव को दुबई में बंधक बनाकर रखा गया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से इन दोनों युवकों को दुबई से मुक्त कराने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है। इस दिशा में विदेश मंत्रालय से संपर्क स्थापित कर इन दोनों युवकों को मुक्त कराकर वापस लाने के लिए सरकार सभी समुचित कदम उठाएगी।
उरांव ने मुख्यमंत्री को बताया कि उत्तर प्रदेश का रहने वाला मधुकर मिश्रा गत 28 जनवरी को इन दोनों युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें घर से अपने साथ ले गया था और सात फरवरी को उन्हें टूरिस्ट वीजा से दुबई ले जाया गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इन दोनों युवकों से उसने नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपए भी लिए थे लेकिन वहां पहुंचने के बाद इन दोनों युवकों को कोई नौकरी नहीं दी गई। इसके बाद इन दोनों युवकों को कोरोना वायरस से संक्रमित बताकर बंधक बना लिया गया।
उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि इन दोनों युवकों का टूरिस्ट वीजा इस वर्ष 31 मार्च को खत्म हो रहा है। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि इस मामले में सरकार त्वरित कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में सुनील भगत की पत्नी फुलप्यारी देवी और अजय उरांव की पत्नी केवरा उरांव शामिल थीं।