लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

झारखंड : साहिबगंज में हो रहा मासूमों के भविष्य से खिलवाड़, स्कूलों में दी जा रही फोन चोरी करने की ट्रेनिंग

झारखंड के साहिबगंज जिले से दुखद तथा अचंभित करने वाली एक घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि, यहाँ बच्चों को मोबाइल फ़ोन चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती है।

झारखंड के साहिबगंज जिले से दुखद तथा अचंभित करने वाली एक घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि, यहाँ बच्चों को मोबाइल फ़ोन चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती है। मासूमों के भविष्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ के लिए साहिबगंज जिले के राजमहल और तिनपहाड़ कस्बों में स्कूल चलाई जाती है। जहाँ फोन चोरी करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। जानकारी के अनुसार, यहां से प्रशिक्षित बच्चों को बड़े शहरों और महानगरों में फोन चोरी करने के लिए भेजा जाता है और फिर गिरोह के नेता उन्हें क्षेत्र आवंटित करते हैं तथा उनके काम की निगरानी करते हैं।
पुलिस चार नाबालिग सदस्यों को पकड़ा है
रांची पुलिस ने हाल ही में मोबाइल फोन चोर गिरोह के चार नाबालिग सदस्यों को पकड़ा है। पुलिस ने इनके कब्जे से चोरी के 43 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। गिरोह के एक 17 वर्षीय सदस्य ने पुलिस को बताया कि उसे 2020 में भी मोबाइल चोरी के आरोप में पकड़ा गया था और फिर चार महीने तक बिहार के बक्सर जिले के किशोर गृह में रखा गया था। गिरोह का एक अन्य सदस्य, जो केवल 11 वर्ष का था, ने खुलासा किया कि वह भी पिछले दिनों एक मोबाइल चोरी के मामले में शामिल था और उसे 11 दिनों के लिए बिहार के भागलपुर में एक किशोर गृह में रखा गया था। चोरी जैसे अपराधों के लिए बच्चों को थोड़े समय के लिए किशोर गृहों में रखा जाता है। पुलिस भी इनके बारे में ज्यादा पूछताछ नहीं करती है।
हर दिन 8 से 10 मोबाइल चोरी करने का टारगेट होता है
पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि उन्हें हर दिन 8 से 10 मोबाइल चोरी करने का टारगेट दिया जाता है। हर मोबाइल चोरी के लिए उन्हें मिलने वाला पारिश्रमिक तय होता है।ब्रांड और मोबाइल फोन की कीमत के आधार पर उन्हें प्रति हैंडसेट 1000 रुपये से 2000 रुपये मिलते हैं। गिरोह के बड़े सदस्य बच्चों के आसपास खड़े होते हैं। ये बच्चे मोबाइल फोन चोरी करने के तुरंत बाद इसे बड़े सदस्यों को सौंप देते हैं। जब बड़ी संख्या में चोरी के मोबाइल जमा हो जाते हैं तो गिरोह का सरगना उन्हें साहिबगंज ले जाता है।
 माता-पिता की सहमति से बच्चे यह काम करते हैं
मोबाइल चोरी में शामिल बच्चे अपने माता-पिता की सहमति से यह काम करते हैं। ज्यादातर बच्चे गरीब आर्थिक स्थिति वाले परिवारों से आते हैं। वे ज्यादातर साहिबगंज जिले (झारखंड) के तिनपहाड़, तालझरी और महाराजपुर और पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले के बरनपुर, हीरापुर, आसनसोल से हैं। पकड़े गए बच्चों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने तिनपहाड़ और राजमहल में मोबाइल चोरी करने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उनके बॉस सूरज, चंदन और अन्य ने उन्हें मोबाइल फोन चोरी करने के तरीके सिखाए।
सब्जी और दैनिक बाजार मोबाइल चोरी की अच्छी जगह 
ट्रेनिंग के बाद इन्हें रांची लाया गया।उनके अनुसार सब्जी और दैनिक बाजार मोबाइल चोरी करने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं, क्योंकि कार्य पूरा करने के बाद उनके लिए वहां से गायब होना आसान होता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक चोरी के मोबाइल बांग्लादेश और नेपाल पहुंचाए जाते हैं। एक साल में अकेले रांची में ऐसे गिरोह के 30 से ज्यादा नाबालिग सदस्यों को पकड़ा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × one =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।