आरा और केरम गांव ने झारखंड में आदर्श ग्राम के रूप में अपनी पहचान बनायी है। इसी के आधार पर 1000 गांवों को आदर्श ग्राम बनाया जायेगा। जो नशा मुक्त, खुले में शौच से मुक्त हो। जहां कोई भी बीपीएल परिवार न हो। गांव स्वच्छ, साक्षर और स्वावलंबी हो। ऐसे गांव के तहत पड़ने वाली पंचायतों को हर माह 20 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। श्री दास रविवार को ओरमांझी क्षेत्र में टुंडाहुली पंचायत के तहत आने वाले आरा गांव पहुंचे। उन्होंने वहां ग्रामीणों के साथ समय बिताया।
उनके अनुभव सुना। सुझाव लिये। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त गांव बनाने पर आरा और केरम को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। झारखंड से गरीबी को नेस्तनाबुत करने के लक्ष्य के साथ हमारी सरकार काम कर रही है। रोजगार से जोड़ कर हर साल योजनाबद्ध तरीके से बीपीएल परिवार को गरीबी रेखा से बाहर किया जायेगा। गांव को बीपीएल कार्ड मुक्त किया जायेगा।
आरा और केरम गांव में भी 15-20 बीपीएल परिवार हैं, जिन्हें जोहार योजना के तहत रोजगार से जोड़ा जायेगा। इससे ये परिवार भी बीपीएल श्रेणी से मुक्त हो जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्त होने के साथ ही गांव के लोगों सोच, आचरण बदल गये हैं। यह बड़ी सफलता है। खुले में शौच नहीं करने से गांव में बीमारियों का खतरा कम हो गया है। हम चाहते हैं कि गांव की जनता जागरूक हो जाये। ऐसे गांव को सरकार विकास योजनाओं का पैसा सीधे दे देगी। गांव के लोग जरूरत के मुताबिक इनका उपयोग कर सकेंगे।
हम हर हाथ को काम हर खेत को पानी देने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी समाप्त करने का सबसे बड़ा माध्यम शिक्षा है। सभी कोई अपने बच्चों को पढ़ायें। बैठक में ग्रामीणों ने अपने अनुभव साझा किये। आरा के ग्राम प्रधान गोपाल राम बेदिया ने बताया कि शराब बंदी को गांव में लागू किया गया। लोगों को जागरूक किया गया। मौसम के अनुसार योजनाएं बनायी जाती है। एक साल के भीतर गांव में बदलाव आया है।
अब नियमित रूप से ग्रामीण बैठक कर फैसले लेते हैं। श्रमदान से सभी मिलकर गांव की रोजना सफाई करते हैं। पानी की कमी न हो इसके लिए मनरेगा के तहत डोभा खोदे गये हैं। इनके चारों ओर पपीते के पेड़ लगाये गये हैं। इससे भी आमदनी हो रही है। श्रीमती सीमा देवी ने बताया कि हडिया बनाने वाले सारे बर्तनों को जमा कर बेच दिया गया।
खुले में शौच से मुक्त होने से गांव में बीमारियां बंद हो गयी हैं। मलेरिया, हैजा जैसी बीमारी नहीं हुई हैं। गांव वालों ने वहीं से स्नातक दो लड़कों को स्कूल में शिक्षक नियुक्त कर लिया है। ये स्कूल में पढ़ाने के साथ ही शाम को गांव के बच्चों को ट्यूशन भी देते हैं। श्रीमती इलन देवी ने बताया कि गांव के लोगों ने मिलकर डस्टबीन लगाये हैं। गोबर से बिजली पैदा करने की योजना है।
साथ ही गांव में उगनेवाली फसलों और सब्जियों मे रसायनिक खाद का उपयोग नहीं किया जाता है। श्री सुरज करमाली ने बताया कि सुकर पालन कर वे हर साल तीन लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। श्री रामदास महतो शिमला मिर्च की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। कार्यक्रम में सांसद रामटहल चौधरी, खिजरी विधायक रामकुमार पाहन, ग्रामीण विकास सचिव श्री अविनाश कुमार समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।