झारखण्ड : झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने झारखण्ड चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की तो वहीं न सिर्फ रघुवर दास का अबकी बार 65 पार वाला नारा औन्धे मुंह गिरा बल्कि वह अपनी सीट भी नहीं बचा पाए।
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो अपने सहयोगी दलों कांग्रेस-राजद के साथ झारखण्ड में अगली सरकार बनाने की तैयारी में लग गई है। हेमंत सोरेन जीत हासिल करने के बाद अपने राजनितिक गुरु और पिता सीबू सोरेन से मिलने पहुंचे और आशीर्वाद लिया। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी हार को स्वीकारते हुए राज्यपाल को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया।
झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश मिला है। यह बदलाव की लहर है इसमें दिग्गजों के सारे आंकड़े और आकलन ध्वस्त हो गए। सूबे की जनता ने हेमंत के वादों पर इतना भरोसा जताया कि विपक्षी गठबंधन को बहुमत का जनादेश दे दिया। आपको बता दें कि झारखण्ड में 81 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था और बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए थी। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को 47 सीटें मिली तो वहीं भाजपा सिर्फ 25 सीटों पर सिमट कर रह गई।
प्रदेश में बदलाव की लहर इस प्रकार चली कि इसके मजधार में मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत उनके मंत्री राज पलिवार और विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव भी बह गए। पिछली बार भाजपा ने यहां आजसू के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था और भाजपा का यह फैसला गलत साबित हो गया। 2014 के चुनाव में पांच सीटों पर जीतने वाली आजसू इस बार महज दो सीटों पर सिमट गई।