देश में सरकार विकास और रोजगार के पीछे भाग रही है। अब कही देवभूमि को जोशीमठ न बना दे देवभूमि को जोशीमठ न बना दें यह चिंता मध्य प्रदेश में उज्जैन के साधु-संतो ने जताई है। उनका कहना है सरकार को जोशीमठ से सबक सिख लेना चाहिए।
आपको बता दें कि महामंडलेश्वर शैलाषानंद महाराज ने बताया कि सरकार को धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बजाय उसके पुराने स्वरूप को ही निखारने का काम करना चाहिए। जिस प्रकार से धार्मिक स्थलों को लेकर विकास के मॉडल और श्रेय की राजनीति की जा रही है, यह घातक साबित हो सकती है।
आधुनिक विकास पर संतों ने खड़े किए सवाल
मध्य प्रदेश में सरकार ने हाल ही में उज्जैन में महाकाल लोक को विकसित किया है। इसके अलावा ओंकारेश्वर सहित कई धार्मिक स्थलों पर विकास कार्य को लेकर बड़ी घोषणाएं की गई है। साधु संत धार्मिक और प्राचीन स्थलों पर हो रहे आधुनिक विकास पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका मानना है कि विकास कार्य होना चाहिए मगर मजबूती का भी बेहद ध्यान रखना जरूरी है।
कुछ दिनों से लगातार धस रही है जोशीमठ की भूमि
दरअसल, साधु-संत इसलिए चिंता जाता रहे है क्योंकि हाल उत्तराखंड के जोशीमठ की भूमि पिछले कुछ दिनों से लगातार धंसती जा रही है। अब तक दरार वाले घरों की संख्या 723 हो गई। इनमें से 86 मकानों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। इन मकानों पर चिन्हित कर लाल निशाना लगा दिया गया है। जल्द ही मकानों को ढहाने की कार्रवाई शुरु की जाएगी।