उत्तराखंड के जोशीमठ में सुरंग के निर्माण करने के कारण जमीन धंसने से ज्यादातार स्थानों में प्रमुख रूप से दरारें पड़ने लगी है जिसकी वजह से यह बाताया जा रहा है कि किसी भी समय जोशीमठ में रहने वालें घर नीचे की तरफ से गिर सकता है। इस प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर इस संकट पर उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी।
जोशीमठ को लेकर प्रशासन करेगा अहम बैठक
सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में जोशीमठ जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए कल जोशीमठ का दौरा किया था। इससे एक दिन पहले उन्होंने करीब 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया था।
धामी जोशीमठ को लेकर निकालेंगे समाधान
धामी ने कहा था कि जोशीमठ सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है और इसे बचाने के सभी प्रयास किए जाएंगे। जोशीमठ बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली के लिए प्रवेश द्वार है और इसके सामने बहुत बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है।