Joshimath Is Sinking: उत्तराखंड का जोशीमठ अभी तक के सबसे बडे संकट का सामना कर रहा है। यहां लगभग हर दूसरा घर भू धंसाव के कारण घरों में पड़ीं दरारों का सामना कर रहा है। जोशीमठ की आबादी 20,000 से भी ज्यादा है। इलाके में कई लोगों को खतरे वाले क्षेत्र से सुरक्षित स्थानों और राहत कैंपो में स्थानांतरित किया गया है। इसी बीच एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आ रही है। शहर में पिछले तीन दिनों से घरों और दुकानों में कोई भी दरारें नहीं बढ़ी है।
जोशीमठ के लोगों को बड़ी राहत
इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जोशीमठ के जिन घरों में दरारे आई थीं उनमें क्रैक मीटर लगाए गए थे। पिछले तीन दिनों से इन मीटरों में दरारें और चौड़ी नहीं हुई हैं। उन्होंने अधिक जानकरी देते हुए बताया कि जेपी कॉलोनी के पास एक भूमिगत चैनल से पानी का डिस्चार्ज फिर से बढ़कर 150 लीटर प्रति मिनट हो गया है।
सीएम धामी ने दिए हर संभव मदद का आश्वासन
बता दें कि जोशीमठ में दरार पड़ने वाले घरों की संख्या 849 है और 259 प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में शिफ्ट कर दिया गया है। शहर के मारवाडी इलाके में जेपी कॉलोनी के पास भूमिगत नाला फटने के बाद से लगातार पानी बह रहा है। वहीं इस संबध में उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि कम से कम 20 साल से डूब रहे जोशीमठ में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की अनुमति कैसे दी गई।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ संकट पर लगातार नजर रखे हुए हैं। उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और शहर में लोगों को हर प्रकार की सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। धामी ने कहा कि लोगों को राज्य सरकार की तरफ से बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी।