कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन एक साल बाद खत्म को गया है। किसानों की मांग पर सरकार की मोहर के बाद दिल्ली की सीमाओं से किसानों ने अपने घरों का रुख कर दिया है। आंदोलन की समाप्ति पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक ‘अहंकारी सरकार’ को झुकने पर मजबूर कर दिया।
कमलनाथ ने कहा कि इन 378 दिनों में अन्नदाता किसानों ने कई पीड़ाएं सही, भारी बारिश, कंपकंपाती ठंड में भी उनके हौसले नहीं डिगे, पानी की तेज बौछारों में भी वे नहीं भीगे, कंटीले तारों, नुकीली कीलों, गड्ढों से भी वो पस्त नही हुए। उनके हौसलों ने एक अहंकारी सरकार को आखिर झुका ही दिया।
उनके हौसलों ने एक अहंकारी सरकार को आख़िर झुका ही दिया और हमारे किसान भाइयों की फ़तेह हुई।
बस इस बात का अफ़सोस हमेशा रहेगा कि किसानो के हित में सरकार यह फ़ैसला शुरू में ही ले लेती , अपनी ज़िद छोड़ देती तो सेकडो किसानो की शहादत को रोका जा सकता था।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 10, 2021
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अफ़सोस हमेशा इस बात का रहेगा कि किसानों के हित में सरकार यह फैसला शुरू में ही ले लेती, तो सैंकड़ों किसानों की शहादत को रोका जा सकता था। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि किसानों के हर संघर्ष में कांग्रेस उनके साथ खड़े है।