कमलनाथ-पुत्र नकुलनाथ जल्द 'कुर्ता-पायजामा' में दिखेंगे - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कमलनाथ-पुत्र नकुलनाथ जल्द ‘कुर्ता-पायजामा’ में दिखेंगे

निदान करना उनकी खूबी है। चुनाव के दौरान उनका ज्यादातर वक्त छिंदवाड़ा में ही बीतता है। विधानसभा चुनाव के बाद वे लगातार छिंदवाड़ा में ही हैं। 

मध्य प्रदेश में अब कांग्रेस के उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होने का वक्त करीब है। संभावना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ जल्दी ही कुर्ता-पायजामा पहने नजर आने लगेंगे। छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के संभावित उम्मीदवार नकुलनाथ यूं तो जींस और शर्ट पहनते हैं, मगर वे खुद कह चुके हैं कि जिस दिन कुर्ता-पायजामा पहनेंगे, समझ लीजिए कि प्रत्याशी घोषित हो गए। छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र का बीते 40 साल से कमलनाथ अथवा उनके परिवार का सदस्य प्रतिनिधित्व करता आ रहा हैं।

कमलनाथ मुख्यमंत्री बनने से पहले नौ बार इस संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ को विधानसभा चुनाव लड़ना है, इसके लिए छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक दीपक सक्सेना इस्तीफा दे चुके हैं। कमलनाथ ने 16 मार्च को छिंदवाड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में नकुलनाथ को जिम्मेदारी सौंपने का जिक्र करते हुए लोगों से कहा था, ‘आगे आने वाले चुनाव में आप लोग कांग्रेस, मेरा साथ देंगे, मैंने तो 40 साल आपकी सेवा कर ली। अपनी जवानी समर्पित कर दी छिंदवाड़ा के लिए, अब यह बोझ अपने पुत्र नकुलनाथ को दे रहा हूं। मैं तो हूं, इनसे (नकुलनाथ) अपना काम कराइएगा, मैं तो पीछे रहूंगा ही, मगर इनको भी आपको सिखाना है। इनको भी मौका देना है, ताकि हम विकास का नया इतिहास बनाएं।’

नकुलनाथ वर्तमान में रामकांता प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड, शाका इस्टेट एवं फाइनेंस लिमिटेड, स्पन मोटल्स प्राइवेट लिमिटेड, मैग्नम कॉउंसलेटर प्राइवेट लिमिटेड सहित 20 से ज्यादा कंपनियों के निदेशक (डायरेक्टर) हैं। 21 जून, 1974 को जन्मे नकुलनाथ की स्कूली शिक्षा देहरादून के दून स्कूल में हुई। उन्होंने बोस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की है। नकुलनाथ ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है, मगर बीते 20 सालों से वे छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैयद जाफर बताते हैं कि नकुलनाथ बीते 20 साल से ज्यादा समय से छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं।

वे स्थानीय लोगों के बीच रहते हैं और चुनाव के समय भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। लिहाजा, वे लोगों के लिए अपने हैं। संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ता से लेकर हर व्यक्ति चाहता है कि नकुलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ें। जाफर ने आगे बताया, ‘नकुलनाथ दिल से बोलते हैं। अपने पिता की तरह सीधा संवाद करते हैं। वे उन्हीं की तरह सहज हैं, हर किसी की मदद करते हैं। यही कारण है कि लोगों को नकुलनाथ में अब कमलनाथ की छवि दिखने लगी है।’ छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक पद से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस नेता दीपक सक्सेना ने पिछले दिनों ही नकुलनाथ के छिंदवाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार होने का ऐलान कर दिया था। तब नकुलनाथ ने कहा था, ‘दीपक भाई और गंगा भाई ने प्रत्याशी के रूप में मेरा नाम घोषित कर दिया है।

लेकिन जिस रोज मुझे जींस और शर्ट में नहीं देखना, कुर्ता-पायजामा में देखना, उस दिन समझ लेना मैं आपका प्रत्याशी हूं।’ महाकौशल क्षेत्र के राजनीतिक विश्लेषक विजय तिवारी का कहना है, ‘छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में कमलनाथ के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता। यही कारण है कि छिंदवाड़ा के सभी सातों क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवार जीते हैं। वहीं नकुलनाथ सहज और सुलभ हैं, इसलिए लोकसभा चुनाव उनके लिए बड़ी चुनौती नहीं होगी। नकुलनाथ जब भी छिंदवाड़ा आते हैं तो लोगों से सीधा संवाद करते हैं, और सभी की समस्याओं का समाधान करते हैं।’

नकुलनाथ छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में पहली बार वर्ष 1996 के चुनाव में तब सक्रिय हुए थे, जब उनकी मां अलका नाथ ने चुनाव लड़ा था। तब कमलनाथ हवालाकांड के चलते चुनाव नहीं लड़ पाए थे। नकुलनाथ ने यहां बने भव्य हनुमान मंदिर के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई थी। नुकलनाथ की पहल पर ही छिंदवाड़ा के दो विधानसभा क्षेत्रों से युवाओं को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया था।

छिंदवाड़ा से सभी सातों सीटों पर कांग्रेस जीती। छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र पर मध्य प्रदेश के गठन के वर्ष 1956 के बाद हुए चुनावों पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि इस संसदीय क्षेत्र से अब तक सिर्फ एक बार 1997 में हुए उप-चुनाव में भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को जीत मिली थी। इस संसदीय सीट से कमलनाथ नौ बार, गार्गी शंकर शर्मा तीन बार, भीकुलाल चांडक, अलकानाथ व नारायण राव एक-एक बार कांग्रेस के सांसद रहे हैं।

 कमलनाथ और फिल्म अभिनेता सलमान खान के करीबी रिश्ते हैं, इसी के चलते वर्ष 2009 के चुनाव में सलमान खान प्रचार करने छिंदवाड़ा आए थे और उन्होंने सात सभाएं की थीं। नकुलनाथ की पहचान शांत और कम बोलने वाले नेता की है। कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करने के साथ एक-एक समस्या को जानकर उसका निदान करना उनकी खूबी है। चुनाव के दौरान उनका ज्यादातर वक्त छिंदवाड़ा में ही बीतता है। विधानसभा चुनाव के बाद वे लगातार छिंदवाड़ा में ही हैं।

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