बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने सुप्रीम कोर्ट में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा उनके ऑफिस को गिराए जाने को लेकर एक कैविएट याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका में कंगना ने गुहार लगाई कि बांद्रा में बीएमसी द्वारा उनकी संपत्ति को गिराने के मामले में यदि कोई याचिका दाखिल किया जाता है तो बिना उनका पक्ष सुने कोई फैसला न दें।
बता दें कि पिछले दिनों बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि बीएमसी के अधिकारियों ने कंगना रनौत के बंगले के हिस्से को ढहाने में दुर्भावना से कार्रवाई की। न्यायमूर्ति एस जे काठवाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय द्वारा की गई कार्रवाई अनधिकृत थी और इसमें कोई संदेह नहीं है।
पीठ रनौत द्वारा नौ सितंबर को उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने पाली हिल बंगले में बीएमसी द्वारा की गई कार्रवाई के आदेश को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय ने एक नागरिक के अधिकारों के खिलाफ गलत इरादे से कार्रवाई की है।
रनौत ने बीएमसी से हर्जाने में दो करोड़ रुपये मांगे थे और अदालत से बीएमसी की कार्रवाई को अवैध घोषित करने का आग्रह किया था। मुआवजे के मुद्दे पर पीठ ने कहा कि अदालत नुकसान का आकलन करने के लिए मूल्यांकन अधिकारी नियुक्त कर रही है जो याचिकाकर्ता और बीएमसी को विध्वंस के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान पर सुनवाई करेगा। अदालत ने कहा, ‘मूल्यांकन अधिकारी मार्च 2021 तक मुआवजे पर उचित आदेश पारित करेगा।”
नागरिक निकाय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अभिनेत्री ने गैरकानूनी तरीके से अपने बंगले में निर्माण कार्य कराए थे। बीएमसी द्वारा नौ सितंबर को विध्वंस प्रक्रिया शुरु करने के बाद ही रनौत ने यह याचिका दायर की थी जिसके बाद अदालत ने अंतरिम आदेश में तोड़फोड़ पर रोक लगा दी थी।