जाने माने कन्नड़ कवि आलोचक एवं अनुवादक एन एस लक्ष्मीनारायण भट्ट का शनिवार तड़के निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। कवि के परिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। कन्नड़ साहित्य की दुनिया में ‘एनएसएल’ के नाम से लोकप्रिय भट्ट का जन्म 1936 में शिवमोगा जिले में हुआ था।
भट्ट अपने भावगीतों के जरिए घर-घर में लोकप्रिय हुए और उन्हें आधुनिक कन्नड़ काव्य में योगदान, आलोचनात्मक कृतियों एवं अनुवाद के कार्य के लिए जाना जाता है। उन्होंने विलियम शेक्सपीयर, टी एस इलियट और कवि यीट्स की रचनाओं का कन्नड़ में अनुवाद किया।
कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार और कन्नड़ राज्योत्सव पुरस्कार समेत अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित एनएसएल के लोकप्रिय कार्यों में ‘‘थाये निन्ना मडिलाली’’ शामिल है। वह बेंगलुरु विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी रहे और संत-कवि शिशुनाला शरीफ की कृतियों को लोकप्रिय करने के लिए भी जाने गए ।
भट्ट के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने भट्ट के निधन पर शोक जताया और कहा कि कन्नड़ साहित्य की दुनिया ने अपना एक सितारा खो दिया। जद (एस) नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी भट्ट के निधन पर शोक जताया।