कोटद्वार : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कण्वाश्रम में एडीबी सहायतित पर्यटन संरचना, विकास, निवेश कार्यक्रम के तहत 23 करोड़ की कण्वाश्रम विकास परियोजना का विधिवत शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कण्वाश्रम राष्ट्रीय तीर्थ बनेगा, इसे महज पिकनिक स्थल नहीं बल्कि राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित किया जाएगा।
यहां के इतिहास और आध्यात्मिक रूप को विकसित किया जाएगा और इसमें राजा भरत एवं महर्षि कण्व की आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी। क्षेत्रीय विधायक एवं वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कण्वाश्रम में इंटरनेशनल स्तर का चिड़ियाघर बनाने की कवायद चल रही है।
कोटद्वार से करीब 16 किमी. दूर हिमालय की तलहटी में बसे कण्वाश्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री ने बताया कि पूर्व में स्वीकृत कण्वाश्रम परियोजना को कई बदलाव के साथ धरातल पर उतारा जा रहा है। कहा कि महर्षि कण्व की तपस्थली और देश को नाम देने वाले चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम राष्ट्रीय तीर्थ है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि 25 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन परियोजना में राजा भरत की 40 फीट और महर्षि कण्व की 25 फीट की आदमकद प्रतिमा, वैदिक गांव,झील, म्यूजियम, शकुंतला उद्घान, थिएटर, वाटर स्क्रीन शो, डियर पार्क, योगा पार्क और मेडिटेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। कार्यदायी संस्था एडीबी को यह कार्य एक वर्ष में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
जनसभा को संबोधित करते हुए वन मंत्री ने कहा कि कण्वाश्रम 125 करोड़ देशवासियों की धरोहर है। उन्होंने पूर्व सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कण्वाश्रम के इतिहास को मालन नदी के पत्थरों के नीचे दबाकर रखा, जिससे इस क्षेत्र को उनका मान- सम्मान नहीं मिला।
गुरूकुल महाविद्घालय के संस्थापक आधुनिक भीम, योगाचार्य विश्वपाल जयंत ने अपने संबोधन में कण्वाश्रम को जोड़ने वाले दोनों मार्गों पर कण्व और भरत द्वार बनाने और मालिनी म़ग विहार की दशा को सुधारने की मांग की। कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्षद शैलेश शैलेंद्र डबराल और संचालन भाजपा महामंत्री बीरेंद्र रावत ने किया।