हरिद्वार : पंचकों का असर कांवड़ यात्रा पर दूर-दूर तक भी नजर नहीं आ रहा है। भारी संख्या में कांवड़िए जल लेने पहुंचे और अपने शिवालयों की ओर रवाना हुए। कांवड़ियों के उमड़े सैलाब से धर्मनगरी गेरुआ रंग से रंगी नजर आई। चारों ओर बाबा के जयकारे लग रहे हैं। मंगलवार को धर्मनगरी में कांवड़ियों का नजारा अद्भुत रहा। अब डाक कांवड़िये भी हरिद्वार में पहुंचने लगे हैं। अधिकांश डाक कांवड़िये गंगोत्री कूच कर रहे हैं। भारी संख्या में कांवड़ियों के आगमन से हाईवे पर वाहन रेंगते हुए नजर आए।
बीते रविवार से तीन अगस्त तक पंचक लग गए हैं। माना जा रहा था कि इस दौरान धर्मनगरी पहुंचने वाले कांवड़ियों की संख्या में कमी आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारी संख्या में कांवड़िये धर्मनगरी पहुंचे। हरकी पैड़ी, मालवीय घाट, सुभाष घाट, रोड़ी बेलवाला घाट पर तड़के से ही गंगा जल भरने के लिए तांता लगा रहा। विभिन्न प्रकार की कांवड़ उठाए छोटे बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे। हाईवे पर तेज आवाज में संगीत बजाते हुए डांक कांवड़ दौड़ते रहे। कांवड़ बाजार में कांवड़ खरीदने आए कांवड़िय़ों की भीड़ रही।
इस बार 20 किलो सोने के साथ, सिल्वर जुबली कांवड़ यात्रा पर निकले गोल्डन बाबा
सस्ती होने से अधिकतर ने टोकरी वाली कांवड़ ली। जबकि इस बार स्टील के घड़े खरीदने वाले कांवड़ियों की संख्या भी अपेक्षाकृत अधिक रही। शिव की विशाल पालकियां भी कांवड़ियों को खूब भा रही हैं। हालांकि महंगी होने से ज्यादातर कांवड़िये छोटी पालकी खरीद रहे हैं। छह फीट से ऊपर की कांवड़ पर प्रतिबंध होने के बाद भी भारी संख्या के इससे ऊंची कांवड़ देखने को मिल रही है।
– संजय चौहान