बसपा और जद(से) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ने के लिए एक गठबंधन करने की आज घोषणा की। यह आगामी आम चुनाव में भी जारी रहेगा। बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा और जनता दल (सेक्युलर) के दानिश अली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रहेगा। गौरतलब है कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है।
दोनों नेताओं ने घोषणा की कि बसपा राज्य के 14 जिलों में विधानसभा की 8 सुरक्षित सीटों और 12 सामान्य सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, जद (से) शेष 204 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। सीटों की इस साझेदारी का लक्ष्य जद (से) नेता एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व के तहत सरकार का गठन करना है। दोनों ही पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, एच डी देवगौड़ा और मायावती विधानसभा चुनाव के लिए बेंगलुरू से 17 फरवरी को एक संयुक्त चुनाव प्रचार शुरू करेंगे।
अली ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इस गठबंधन का भारतीय राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रियों पार्टियों को अलग-थलग करने की दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों की कोशिशों को नाकाम करने की इसमें क्षमता है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है, जब मायावती के नेतृत्व में बसपा हमारे अनुरोध के मुताबिक हमसे चुनावी गठबंधन कर रही है।
अली ने कहा कि बसपा का राज्य में एक मजबूत जनाधार है, जहां अनुसूचित जाति (एसी) के 22 फीसदी से अधिक वोट हैं। कर्नाटक में बसपा की पकड़ के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा कि पार्टी ने कई विधानसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ते हुए अच्छा खासा वोट हासिल किया है। उन्होंने कहा, ”1999 में कर्नाटक विधानसभा में हमारा प्रतिनिधित्व था। बसपा ने यहां तक कि तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया है।”
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