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कर्नाटक : कांग्रेस ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी से बचने का किया आग्रह

कर्नाटक कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से प्रदेश में पार्टी के भविष्य के नेतृत्व के बारे में सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करने से बचने का आग्रह किया है।

कर्नाटक कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से प्रदेश में पार्टी के भविष्य के नेतृत्व के बारे में सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करने से बचने का आग्रह किया है। कांग्रेस की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गयी है।
प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने पर, सरकार का मुखिया कौन होगा इस बारे में पार्टी नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर अलग बयान दिये हैं इसके बाद समिति ने पार्टी नेताओं को यह सलाह दी है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक तौर पर हुयी इस तरह की बयानबाजी पर चिंता जाहिर करते हुये समिति ने यह सुझाव दिया है कि इस मामले को उस समय के लिये छोड़ दें जब नेतृत्व का सवाल सामने आयेगा।
हाल ही में कुछ नेताओं ने बयान जारी कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया को, पार्टी के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार करार दिया था। मौजूदा भारतीय जनता पार्टी का कार्यकाल 2023 में समाप्त हो रहा है।
समिति के अध्यक्ष के रहमान खान ने बयान जारी कर कहा, ”पांच नवंबर को केपीसीसी अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की बैठक हुयी । कांग्रेस विधायक दल के भविष्य के नेता के सवाल पर पार्टी नेताओं के अलग अलग विचार का समिति ने चिंता के साथ उल्लेख किया।”
उन्होंने कहा कि समिति ने सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों, नेताओं, पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से पार्टी की एकता के लिये सार्वजनिक तौर पर ऐसी बयानबाजी करने से बचने का आग्रह किया है। खान ने कहा, ”यह बेहतर होगा कि पार्टी नेता एवं कार्यकर्ता पार्टी को संगठित करने में स्वयं को व्यस्त रखें और अपने प्रदेश के हित में पार्टी को सत्ता में लाने के उद्देश्य से काम करें।
पूर्व मंत्री एवं विधायक बी जेड जमीर अहमद खान ने हाल ही में कहा था कि पार्टी अगर सत्ता में आती है तो सिद्धरमैया एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे जबकि राज्य सभा सदस्य जी सी चंद्रशेखर, विधायक सौम्या रेड्डी तथा हनुमंतार्यप्पा समेत अन्य पार्टी नेताओं ने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो शिवकुमार शीर्ष पद पर आसीन होंगे।
इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, ”पहले हमारी पार्टी को सत्ता में आना चाहिये । इसके बाद पार्टी आलाकमान एवं विधायक मिल कर यह निर्णय करेंगे कि किसे मुख्यमंत्री होना चाहिये।”

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