कर्नाटक में पांच दिसंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव में टिकट नहीं दिये जाने से नाराज होने की खबरों के बीच प्रदेश के उप मुख्यमंत्री लक्षमण सवाडी ने शुक्रवार को कहा कि वह पार्टी के ‘नुशासित सिपाही’ हैं और पार्टी का निर्णय उन्हें मंजूर है।
सवाडी ने कहा कि विधायक नहीं होने के बावजूद जिस पार्टी ने उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया है वही उनका भविष्य तय करेगी।
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के अयोग्य विधायक महेश कुमातल्ली को अठानी से अपना उम्मीदवार बनाया है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुमातल्ली ने सवाडी को हराया था।
सवाडी ने कहा, ‘‘मैं कहता आ रहा हूं कि मैं पार्टी का एक अनुशासित सिपाही हूं । पार्टी जो भी निर्देश देगी उसका पालन करना मेरा शुरू से कर्त्तव्य है। मुझे पार्टी का निर्णय मंजूर होगा।’’ संवाददाताओं से यहां बातचीत करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार के लिए सभी संभव प्रयास करेंगे और उनकी जीत सुनिश्चित करायेंगे। सवाडी न तो विधानसभा और न ही परिषद के सदस्य थे, इसके बावजूद उन्हें प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बनाया गया था