कर्नाटक में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्य विधानमंडल की एक संयुक्त बैठक के दौरान प्रतिकात्मक विरोध दर्ज कराया और भाजपा सरकार पर उत्तरी जिलों को ‘नजरअंदाज’ करने का आरोप लगाया। वहीं, राज्यपाल वजुभाई वाला ने कोविड-19 महामारी के बीच सरकार द्वारा हासिल की गई ‘उपलब्धियों’ के लिए राज्य प्रशासन की सराहना की।
राज्य विधानमंडल की संयुक्त बैठक के दौरान राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य अपने नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में तख्तियां लिये हुए खड़े हो गये। हालांकि, कुछ मिनट बाद वे सभी बैठ गए और उन्होंने राज्यपाल का पूरा अभिभाषण शांतिपूर्वक सुना।
तख्तियों पर कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सीमावर्ती जिले बेलगावी में विधानसभा का सत्र आयोजित नहीं कर उत्तरी कर्नाटक को ‘नजरअंदाज’ कर रही है। उल्लेखनीय है कि साल में एक बार विधानमंडल का एक सत्र बेलगावी के सुवर्ण विधान सौध में आयोजित होता है।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि उनकी सरकार ने कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम से कम करने की हर संभव कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस आपदा का इस्तेमाल अपनी शक्ति, अतिरिक्त स्वास्थ्य ढांचा तैयार करने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए एक अवसर के तौर पर किया।’’
उन्होंने कहा कि महामारी की वजह से पेश आई चुनौतियों के बाद भी इस सरकार की उपलब्धियां रेखांकित किये जाने योग्य है। उन्होने राज्य में बाढ़ से निपटने में सरकार की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से राहत पहुंचाने के लिए 1,345 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई।