कर्नाटक में हिजाब बनाम भगवा शॉल का मुद्दा बढ़ता ही जा रहा है। उडुपी में महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज में हिजाब पहनी छात्राओं और भगवा शॉल पहने छात्रों के एक अन्य समूह ने कॉलेज परिसर में नारेबाजी की। वहीं हिजाब बनाम भगवा शॉल मुद्दे को लेकर दायर याचिका पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई हो सकती है।
उडुपी स्थित पूर्व विश्वविद्यालय महाविद्यालय में हिजाब पहनने की अनुमति देने के लिए छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। वहीं कुंदापुर स्थित एक निजी महाविद्यालय की दो और छात्राओं ने भी याचिका दायर कर इसी तरह की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
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भंडारकर कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की दो छात्राओं ने याचिका में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य, मैंगलोर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और कुन्दापुर के विधायक हलदय श्रीनिवास को प्रतिवादी बनाया है। याचिका में छात्राओं ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय ने विधायक के कहने पर ‘हिजाब’ के साथ परिसर में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है।
यह याचिका सुहा मौलाना और ऐशा अलीफा नामक छात्राओं ने दायर की है जो बीबीए पाठ्यक्रम में पंजीकृत हैं। लड़कियों ने याचिका में रेखांकित किया कि जब उन्होंने महाविद्यालय में प्रवेश लिया तब हिजाब को लेकर कोई विवाद नहीं था। उन्होंने दावा किया कि प्रधानाचार्य ने तीन फरवरी को अचानक हिजाब पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि सरकार ने कक्षा के भीतर हिजाब पहनने पर रोक लगाई है।
याचिका में छात्राओं ने कहा कि जब उनके अभिभावक प्रधानाचार्य से मिले तो उन्होंने बताया कि विधायक के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है। विधायक महाविद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं।