कर्नाटक के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री उमेश कट्टी का बेंगलुरु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 61 वर्षीय कट्टी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत विपक्ष कई नेताओं ने दुख व्यक्त किया।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, 61 वर्षीय उमेश कट्टी ने सीने में दर्द की शिकायत की और रात 10.30 बजे डॉलर्स कॉलोनी स्थित अपने आवास पर बाथरूम में गिर गए। उन्हें तुरंत एम.एस. रमैया अस्पताल ले जाया गया। हालांकि उमेश कट्टी ने अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सूचना मिलते ही तुरंत अस्पताल पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “उमेश कट्टी जी एक अनुभवी नेता थे जिन्होंने कर्नाटक के विकास में समृद्ध योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।”
Shri Umesh Katti Ji was an experienced leader who made rich contributions to Karnataka’s development. Pained by his demise. My thoughts are with his family and supporters in this tragic hour. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 7, 2022
विपक्ष के नेता सिद्धारमैया, जो मैसूर में थे, वह भी बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए हैं। बुधवार सुबह मंत्री के पार्थिव शरीर को बेलगावी स्थित उनके पैतृक तिलकवाड़ी ले जाया गया। पार्थिव शरीर को तिलकवाड़ी के शिवबासवनगर स्थित उनके आवास पर जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा।
उमेश कट्टी कर्नाटक विधानसभा में सबसे वरिष्ठ निर्वाचित प्रतिनिधि थे। उन्होंने 1985 में अपने पिता विश्वनाथ कट्टी के निधन के बाद राजनीति में प्रवेश किया। उमेश कट्टी ने अलग उत्तर कर्नाटक राज्य की वकालत की थी और यह भी दावा किया था कि वह नए राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे।
उन्होंने बी.एस. येदियुरप्पा, डी.वी. सदानंद गौड़ा और जगदीश शेट्टार के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान के मंत्रिमंडलों में मंत्री के रूप में भी काम किया था। उन्होंने आठ बार चिक्कोडी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने जनता पार्टी, जनता दल, जनता दल और भाजपा का प्रतिनिधित्व किया था। उमेश कट्टी ने 2004 में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ा था।