भारत में मकीपॉक्स ने दस्तक दे ही हैं, जिसके चलते सरकार अलर्ट मोड पर आ गई हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले करेल से दिल्ली में मंकीपॉक्स के कई मामले देखने को मिले हैं। इसी बीच कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ के सुधाकर ने औपचारिको तौर से स्पष्ट किया कि अभी फिल्हाल इस राज्य में मंकीपॉक्स का कोई भी मामला देखने को नहीं मिला हैं। वहीं, केरल की सरकार मंकीपॉक्स को लेकर एहतियाती कदम उठाई हुई है और इस वायरस पर अपनी पैनी नजर बनाई रखी हैं।
अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को मंकीपॉक्स के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए
जानकारी के मुताबिक सुधाकर ने विश्व स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर टाउन हॉल से कंठीरवा स्टेडियम तक स्वास्थ्य सर्जन संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बंदर, लोमड़ को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों में कड़ चौकसी बरती गई है। इस बीमारी का उपचार करने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को राज्य में आने पर मंकीपॉक्स के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इथियोपिया से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स होने के शक पर उसका परीक्षण किया गया, लेकिन उसमें यह बीमारी नहीं पायी गयी।
कर्नाटक में मंकीपॉक्स का कोई भी मामला नहीं आया
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर 24 घंटे काम कर रहे हैं। सभी अधिकारी तीन पाली में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। मंकीपॉक्स के मामले हालांकि अन्य राज्यों में सामने आए हैं, लेकिन कर्नाटक में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स त्वचा पर चकत्ते बनने सहित कई लक्षणों से पहचाना जा सकता है। कोविड की तरह हालांकि इसका भी तीन से चार दिन बाद पता चलता है।
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