कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में हंगामे और नारेबाजी का मामला सामने आया है। घटना मैसूर की है जहां राजेंद्र कलामंदिर में बीजेपी अध्यक्ष दलित नेताओं से मुलाकात कर रहे थे। इसी दौरान जब अमित शाह अपना संबोधन शुरू करने के लिए पहुंचे, वहां नारेबाजी शुरू हो गई। आपको बता दे कि ये नारेबाजी बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े के संविधान को लेकर दिए गए बयान को लेकर की गई।
मंच पर मौजूद बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता नाराज लोगों को शांत करने के प्रयास में जुट गए थे। हालांकि, इस दौरान वहां कुछ समय के लिए अव्यवस्था का आलम हो गया था। कर्नाटक में दलितों की आबादी ठीक-ठाक है, ऐसे में इस तबके पर कांग्रेस के अलावा भाजपा की भी नजर है।
आपको बता दे कि केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक में एक सभा को संबोधित करते हुए संविधान को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा वे लोग करते हैं जिन्हें अपने मां-बाप के खून का पता नहीं होता है। भाजपा नेता ने उस वक्त कहा था कि लोगों को अपनी पहचान धर्मनिरपेक्ष के बजाय धर्म और जाति के आधार पर बतानी चाहिए। उन्होंने इस सोच के साथ संविधान में बदलाव की भी बात कह डाली थी। साथ ही बताया था कि वह यहां इसलिए ही आए हैं। बयान पर बवाल मचने के बाद उन्हें कई मौकों पर माफी मांगनी पड़ी थी। संसद में भी उन्होंने इसको लेकर खेद जताया था। इसके बावजूद विवाद अब तक नहीं थमा है।
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने की सिफारिश कर भाजपा की परेशनी और बढ़ा दी है। कर्नाटक विधानसभा की कुल 225 सीटों में से लिंगायत समुदाय का 124 सीटों पर प्रभाव माना जाता है। ऐसे में कोई भी पार्टी इस समुदाय को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। कांग्रेस के इस दांव के जवाब में भाजपा दलितों को रिझाने में जुटी है। भाजपा नेता कर्नाटक दौरे के दौरान लिंगायत समुदाय के मठों में जाकर धार्मिक नेताओं से भी मुलाकात कर चुके हैं।
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