केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए केरल कैबिनेट ने 31 दिसंबर को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया। अब सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सिफारिश की जाएगी।
कैबिनेट के इस फैसले के बाद राज्यपाल क्या कदम उठाने वाले हैं, इसपर सबकी नजरें टिकी हैं। क्योंकि, राज्यपाल ने 23 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाने के राज्य सरकार की सिफारिश को इस आधार पर ठुकरा दिया था कि 8 जनवरी 2021 को विशेष सत्र आयोजित करने का पहले से ही फैसला ले लिया गया है।
इसके बाद मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने राज्यपाल को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राज्यपाल को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार के फैसले के आधार पर चलना होगा। जवाब में राज्यपाल ने कहा कि गोपनीय पत्र मीडिया के पास कैसे आ गया।
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केरल विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के बारे में निर्णय लेना कैबिनेट के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को राज्य सरकार में विश्वास होना चाहिए और उसके फैसले के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर विधानसभा का विशेष सत्र रद्द करने के लिए राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग की थी। पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने मीडिया को बताया कि राज्य की विजयन सरकार अगर विशेष सत्र नहीं बुला सकती तो कृषि कानूनों के खिलाफ अध्यादेश जारी करे।