केरल वित्त मंत्री के एन बालागोपाल ने रविवार को कहा कि उनका राज्य ‘‘कर्ज के जाल’’ में नहीं है, और आरबीआई का एक लेख, जिसमें राज्य की वित्तीय सेहत पर चिंता जताई गई थी, जमीनी हकीकत से दूर है।
पांच सबसे अधिक कर्जदार राज्य
आरबीआई ने कई राज्यों में वित्तीय तनाव पैदा होने पर चिंता जताते हुए सुधारात्मक कदम उठाने का आह्वान किया था। डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुवाई में अर्थशास्त्रियों के एक दल द्वारा तैयार आरबीआई के लेख में बृहस्पतिवार को कहा गया था कि पांच सबसे अधिक कर्जदार राज्यों – पंजाब, राजस्थान, बिहार, केरल और पश्चिम बंगाल – में गैर-जरूरी चीजों पर खर्च में कटौती करने की जरूरत है।
बालागोपाल ने कहा कि रिपोर्ट तैयार करने वालों ने कोविड-19 और निपाह वायरस के प्रकोप तथा 2018, 2019 में आई बाढ़ के कारण उनके राज्य के सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में नहीं रखा। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जहां तक केरल का सवाल है, हम कर्ज के जाल में नहीं हैं। हमारे सामने कई अन्य राज्यों की तरह ही वित्तीय मुश्किलें हैं। बालागोपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल वित्तीय क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
बालागोपाल ने कहा कि रिपोर्ट तैयार करने वालों ने कोविड-19 और निपाह वायरस के प्रकोप तथा 2018, 2019 में आई बाढ़ के कारण उनके राज्य के सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में नहीं रखा। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जहां तक केरल का सवाल है, हम कर्ज के जाल में नहीं हैं। हमारे सामने कई अन्य राज्यों की तरह ही वित्तीय मुश्किलें हैं। बालागोपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल वित्तीय क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।