केरल के अलप्पुझा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की रैली के दौरान एक नाबालिग लड़के द्वारा कथित भड़काऊ नारेबाजी करने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। केरल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा-153ए (विभिन्न धार्मिक समूहों में द्वेष को बढ़ावा देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
केरल पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ भादंसं की धारा-153ए के तहत प्राथिकी दर्ज की गई है। उन लोगों के समूह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है जिनके साथ लड़का रैली में शामिल होने आया था।’’ सोशल मीडिया पर पीएफआई द्वारा 21 मई को आयोजित ‘सेव द रिपब्लिक’ रैली का एक वीडियो सामने आया है।
रैली के दौरान एक लड़का एक व्यक्ति के कंधे पर बैठा हुआ था और कथित तौर पर भड़काऊ नारेबाजी कर रहा था। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि घटना का संज्ञान लेते हुए उसने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की है। लड़के द्वारा भड़काऊ नारेबाजी की विभिन्न हलकों में आलोचना की गई है।
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इस बीच, पीएफआई ने एक आंतरिक पत्र में कहा है कि इस तरह की नारेबाजी संगठन की नीति के खिलाफ है और वह इस मामले पर गौर करेगी। पीएफआई के प्रदेश सचिव सी ए रउफ ने इस पत्र में कहा है, ‘‘हमने अलप्पुझा की रैली के लिए पहले से नारे तय कर रखे थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ रैली में पार्टी के हजारों लोग और अन्य शामिल हुए। हमने नारेबाजी करने वाले लड़के का वीडियो देखा है। रैली के आयोजकों ने इन नारों की अनुमति नहीं दी थी। भड़काऊ नारेबाजी करना हमारे संगठन की नीति नहीं है।’’
रउफ ने कहा कि आगे से इस तरह की चीजें ना हो इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। पीएफआई की रैली के कुछ घंटे पहले बजरंग दल ने अलप्पुझा में ‘शौर्य रैली’ निकाली जिसमें नारे लगाए गए कि ‘देश को राष्ट्रविरोधियों और सांप्रदायिक सोच वालों के हवाले नहीं किया जा सकता।’