केरल सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल सितंबर के आदेश का पालन करते हुए कोच्चि के मरदु में तटीय नियमन क्षेत्र के मानदंडों का उल्लंघन करके बनाए गए अपार्टमेंट परिसरों को नष्ट कर दिया है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ ने केरल सरकार को निर्देश दिया कि वह कोच्चि के मरदु में गिराई गईं इमारतों का मलबा हटाने संबंधी रिपोर्ट पेश करे।
इन इमारतों का मलबा बैकवॉटर में भी गिरा है। पीठ इस मामले में अब 10 फरवरी को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने मरदु अपार्टमेन्ट्स के कुछ फ्लैट मालिकों की याचिका रद्द कर दी थी। इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि कोर्ट को कथित रूप से गुमराह करने के लिए संबंधित प्राधिकारियों के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शु्रू करने की अनुमति देने का अटार्नी जनरल को निर्देश दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इन अपार्टमेन्ट्स को गिराने के कोर्ट के आदेश पर रोक के लिए कुछ फ्लैट मालिकों की याचिका पिछले साल 30 सितंबर को खारिज कर दी थी। कोर्ट ने 27 सितंबर को 138 दिन के भीतर इन फ्लैटों को गिराने का निर्देश दिया था और साथ ही राज्य सरकार को प्रत्येक फ्लैट मालिक को चार सप्ताह के भीतर 25 लाख रूपए अंतरिम मुआवजा देने का भी निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने मरदु फ्लैट मालिकों को अंतरिम मुआवजे के रूप मे 27.99 करोड़ रूपए का भुगतान किया था। इसके बाद, कोर्ट ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मरदु अपार्टमेन्ट्स के फ्लैट गिराने संबंधी उसके आदेशों का पूरी तरह अनुपालन हो। कोर्ट ने इससे पहले, आठ मई, 2019 को इन इमारतों को एक महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया था क्योंकि इनका निर्माण अधिसूचित तटीय नियमन क्षेत्र में किया गया था।