केरल की पी विजयन सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार से एक बड़ा आग्रह किया है। केरल सरकार ने केंद्र से कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण, राज्य में लॉकडाउन की स्थिति के बाद अब असंगठित क्षेत्र, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उपक्रमों तथा कृषि क्षेत्र के लोगों की हालत बहुत दयनीय और चिंताजनक है।
ऐसे में उन्हें राहत दी जानी चाहिए, तो उनके ऋण देने पर इस साल के अंत तक रोक लगाई जाए, ताकि उन्हें कुछ हद तक इस महामारी के दौर में राहत मिल सके। केरल सरकार ने मांग की है कि ऋण की किस्तों पर रोक के साथ साथ ब्याज एवं दंडस्वरूप ब्याज भी नहीं वसूला जाए।
राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 16 जून को भेजे पत्र में कहा कि दूसरी लहर के चलते लगाये गये लॉकडाउन ने समाज के सभी क्षेत्रों के आर्थिक एवं सामाजिक कल्याण पर बहुत हद तक बुरा असर डाला।
बालगोपाल ने लिखा है, महसूस किया जा रहा है कि व्यक्तियों खासकर असंगठित क्षेत्र, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) तथा कृषि क्षेत्र के लोगों द्वारा लिये गये ऋण की अदायगी का बोझ खासकर इस वक्त दु:सह्य है और इन वर्गों को कम से कम 31 दिसंबर, 2021 तक ऋण के भुगतान पर रोक के माध्यम से कुछ राहत की आवश्यकता है। उन्होंने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार ने लोगों खासकर संभावित वर्गों की मुश्किलें कम करने के लिए सभी कदम उठाये हैं।
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं कम से कम 31 दिसंबर, 2021 तक ऋण के भुगतान पर रोक लगाने तथा ब्याज एवं दंडस्वरूप ब्याज भी नहीं वसूलने के लिए आपके हस्तक्षेप का अनुरोध करता हूं। ’’ उन्होंने कहा कि केरल की अर्थव्यवस्था भीषण बाढ़ समेत एक के बाद एक करके आयी प्राकृतिक आपदाओं के चलते गहरे दबाव में है तथा 2020 की शुरुआत में कोविड-19 महामारी फैलने से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है।