केरल हाईकोर्ट के जज वी चिताम्बरेश ने एक विवादित टिप्पणी दी है। जज ने ब्राह्मणों को जातिगत आरक्षण के खिलाफ आंदोलन करने की सलाह दी है। साथ ही उन्होंने कहा, ब्राह्मणों में तमाम सद्गुण मौजूद होते हैं। दरअसल, तमिल ब्राह्मणाें के एक सम्मेलन में जस्टिस चिताम्बरेश ने ब्राह्मणों को लेकर बयान दिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा जस्टिस चिताम्बरेश ने कहा, ब्राह्मणों का दो बार जन्म होता है। उन्होंने कहा कि पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर ब्राह्मणों का जन्म दो बार होता है और ब्राह्मणों में तमाम सद्गुण मौजूद होते हैं।
जस्टिस चिताम्बरेश एक ब्राह्मण के गुणों का बखान करते हुए आगे कहते हैं, “उसमें कुछ खास विशेषताएं होती है, जैसे कि, स्वच्छ आदतें, उत्कृष्ट सोच, शानदार चरित्र, वो ज्यादातर शाकाहारी होता है, शास्त्रीय संगीत का पुजारी होता है, जब ये सारी शानदार आदतें एक शख्स में आती हैं तो वो ब्राह्मण होता है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि आरक्षण सिर्फ समूह या जाति के आधार पर मिलना चाहिए। उन्हाेंने 10 प्रतिशत आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि एक ब्राह्मण रसोइए का बेटा यदि नॉन क्रीमीलेयर में आता है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
जबकि एक लकड़ी व्यापारी का बेटा जो कि ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखता है और नॉन क्रीमीलेयर के दायरे में आता है तो उसे आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने ब्राह्मण समाज से अपील की कि वे आर्थिक आधार पर आरक्षण की आवाज उठाएं, जाति या धर्म आधारित आरक्षण की नहीं।