केरल उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल के भीतर ही कराने के निर्देश सोमवार को दिए। उच्च न्यायालय ने कहा कि आयोग स्वयं इस निर्णय पर पहुंचा है कि इन पद को यथाशीघ्र भरना उसका दायित्व है किंतु आयोग ने इस बारे में अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया है।
न्यायाधीश पी वी आशा ने अपने आदेश में कहा,‘‘ जब आयोग खुद यह स्वीकार चुका है कि चुनाव कराना और प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की उसकी जिम्मेदारी है, तो यह उचित होगा कि दो मई 2021को दूसरा निर्वाचक-मंडल अस्तित्व में आने से पहले ही वह बिना देरी किए चुनाव पूरा कराने के लिए तेजी से कदम उठाए।’’
अदालत ने राज्य विधानसभा और सत्तारूढ़ माकपा की ओर से दाखिल याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आयोग के पास बहुत सारी शक्तियां हैं और आयोग का यह कर्तव्य है कि वह निष्पक्ष और वैध बर्ताव करे, जैसा कि धारा 324 स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव तेजी से कराने की बात कही गयी है।
चुनाव आयोग ने पिछले शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने 21 अप्रैल को तीन सांसदों के कार्यकाल की समाप्ति से पहले केरल से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव की घोषणा करने और कार्यक्रम को अधिसूचित करने का निर्णय लिया है।
अदालत में दाखिल अपने बयान में, आयोग ने हालांकि राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव कराने की तारीख का उल्लेख नहीं किया था। केरल के तीन सांसद – अब्दुल वहाब (आईयूएमएल), के के रागेश (माकपा) और वायलार रवि (कांग्रेस) – 21 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले, अदालत ने आयोग को निर्देश दिया था कि वह राज्यसभा चुनाव कराने पर अपने फैसले की जानकारी देते हुए बयान दाखिल करें।