केरल सरकार ने कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए राज्य में लागू लॉकडाउन को 23 मई तक बढ़ाने की शुक्रवार को घोषणा की। इससे पहले राज्य में आठ से 18 मई तक लॉकडाउन लागू किया गया था।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि जिलों में जांच में संक्रमण की उच्च दर सामने आने के मद्देनजर लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया गया। राज्य में संक्रमण के दैनिक मामलों में कमी लाने के प्रयासों के तहत फिलहाल नौ दिन का पूर्ण लॉकडाउन लागू है।
बता दें, केरल में कोरोना का कहर लगातार जारी है। राज्य में गुरुवार को पिछले 24 घंटों के दौरान 39,955 नए कोरोना पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए।प्रदेश में पिछले शनिवार से लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद मामले कम नहीं हो रहे हैं। कुल 1,39,656 नमूनों के परीक्षण के बाद आई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि कुल सक्रिय मामले फिलहाल 4,38,913 हैं।केरल ने हालांकि संक्रमण की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या कम रहने की बात कही है, मगर यहां दूसरी लहर का खतरनाक प्रकोप देखने को मिला है, जिससे 97 और लोगों ने जान गंवा दी है। यहां गुरुवार को महामारी के बाद से एक ही दिन में सबसे अधिक लोगों ने जान गंवाई है। दूसरी लहर के दौरान मृत्यु दर बढ़ रही है। राज्य में अब तक कोरोना से 6,150 लोग दम तोड़ चुके हैं।
इस बीच, 33,733 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं, जिसके बाद राज्य में ठीक होने वाले रोगियों की कुल संख्या 16,05,471 हो गई है।पिछले साल इसी समय के दौरान, केरल में एक दर्जन से कम पॉजिटिव मामले थे, जबकि अब पिछले एक सप्ताह में ही दैनिक मामलों की संख्या औसतन 30,000 के आसपास दर्ज की गई है।
विजयन ने बुधवार को संकेत दिया था कि लॉकडाउन को एक और सप्ताह के लिए बढ़ाया जाएगा।दूसरे कार्यकाल के लिए विजयन का शपथ ग्रहण समारोह 20 मई तय होने के साथ, यह माना जा रहा है कि केंद्रीय स्टेडियम में होने वाले समारोह के लिए केवल 750 लोगों को अनुमति दी जाएगी।राज्य भर में फिलहाल 10,02,443 लोग आइसोलेशन में हैं, जिनमें से 35,101 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।
राज्य की व्यापारिक राजधानी एनार्कुलम में फिलहाल 68,727 सक्रिय मामले हैं, जो कि राज्य में सबसे अधिक है। इसके बाद 55,727 के साथ त्रिशूर और 50,741 मामलों के साथ मलप्पुरम का नंबर आता है।केंद्र से किए गए अनुरोधों के बाद, केरल को ऑक्सीजन की दैनिक आपूर्ति 150 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 358 मीट्रिक टन कर दी गई है।