केरल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने मतदाता सूची डेटा लीक होने का आरोप लगाया है। इसी को लेकर केरल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि सीईओ कार्यालय द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि कार्यालय में कंप्यूटर हैक कर मतदाताओं का डेटा लीक किया गया।
6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रमेश चेन्नीथला और राज्य विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता ने 31 मार्च को 4.3 लाख मतदाताओं का विवरण जारी किया था, जिनके नाम कथित तौर पर मतदाता सूची में कई बार नाम की एक वेबसाइट के माध्यम से आए थे। इसी को लेकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई थी।
सीईओ कार्यालय के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है क्योंकि उन्हें शक है कि उनका कंप्यूटर हैक हो गया था और डेटा लीक हो गया था। ऐसा लगता है कि किसी ने केल्ट्रॉन कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए गए कंप्यूटर से डेटा लीक करने में मदद की थी, जिन्हें चुनाव के दौरान सीईओ कार्यालय में नियुक्त किया गया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रमेश चेन्नीथला ने एक बयान में कहा कि मतदाता सूची में गलतियों को इंगित करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करना देश के लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ है। चुनाव आयोग दोहरे वोटों और फर्जी मतदाताओं को हटाने के बजाए उन लोगों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है, जिन्होंने सच सामने रखा था।
पुलिस ने कहा कि अपराध शाखा ने साजिश और आईटी अधिनियम सहित आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों को लागू करते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। माकपा ने आरोप लगाया था कि मतदाताओं की व्यक्तिगत जानकारी का भी विश्लेषण किया गया और वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। इस मामले को लेकर वरिष्ठ वाम नेता एमए बेबी ने कहा था कि व्यक्तियों की तस्वीर के साथ-साथ एक विदेशी कंपनी को व्यक्तिगत जानकारी साझा करने में गंभीर कानूनी मुद्दे शामिल हैं। वामपंथी नेता ने पूछा था कि क्या चेन्नीथला को इसके लिए किसी व्यक्ति से पूर्व अनुमति मिली थी।