दो फाड़ हो चुकी शिवसेना के दोनों गुटों में आरोप -प्रत्यारोप की बौछार चल रही हैं। शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने राज्यसभा सांसद संजय राऊत पर तीखा पलटवार किया हैं, उन्होनें कहा राऊत आधे शिवसैनिक व आधे एनसीपी के है। दरअसल केसरकर सांई की आरती करने के बाद मीडीया से मुखातिब हो रहे थे। दीपक केसरकर ने इस दौरान अदालत में चल रही सुनवाई को लेकर सत्यमेव जयते कहा। उन्होंने कहा कि अंत में सच्चाई की ही जीत होगी। शिवसेना पर दावे के बीच दीपक केसरकर ने कहा कि हमने कभी मातोश्री और शिवसेना भवन पर क्लेम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारा सम्मान तो बालासाहेब ठाकरे के साथ खुद को जोड़ने में ही है।
शिंदे आम शिवसैनिक , मातोश्री की महानता बनाए रखना जरूरी
दीपक केसरकर ने कहा शिंदे तो एक आम शिवसैनिक हैं। मै शिवसैनिकों को बालासाहेब के विचारों की शिक्षा दूंगा। लेकिन उद्धव ठाकरे को मातोश्री की महानता को बनाए रखना जरूरी। उन्होनें बालासाहेब के विचारों का स्मरण करते हुए बालासाहेब का विचार था कि मै अकेला भी रहूं तो कभी कांग्रेस के साथ नही जाउंगा, उद्धव ठाकरे ने हमें उनके विचारों की याद दिला दी। क्या हमें कांग्रेस की ओर झुकना चाहिए? सबसे बड़ा सवाल यही है।
सिर्फ बालासाहेब से प्यार करने का मतलब नही वह शिवसैनिक बन जांए
दीपक केसरकर ने कहा की संजय राऊत आधे एनसीपी के व आधे शिवसैनिक हैं। उनके दिमाग में भम्र हैं। सिर्फ बालासाहेब के प्यार करने से यह मतलब नही हैं की वह शिवसैनिक बन जांए। केसरकर ने संजय राउत की आलोचना करते हुए कहा कि जो शिवसेना और राकांपा से प्यार करते हैं, उन्हें नई परिभाषा देनी होगी। उन्होंने कहा कि मैं एनसीपी में था, तब मैंने इस्तीफा दे दिया था। शरद पवार एक महान नेता हैं और मैंने कभी उनकी आलोचना नहीं की। लेकिन जितेंद्र अव्हाड ने मुझे पवार से दूर रखने की कोशिश की, उसी तरह संजय राउत भी अपनी काबिलियत दिखा रहे हैं।
आपको बता दे की संजय राऊत अपने बड़बोले पन के कारण कई बार शिवसेना को फजीहत में डाल चुके हैं। शिवसेना के कई बागी विधायक संजय राऊत से खफा दिखाए दिए। संजय हर किसी मसले पर अपनी राय व्यक्त हैं लेकिन उस राय में शिवसेना के विधायक ताल्लुक नही रखते। क्योंकि संजय राऊत पर कई एनसीपी , कांग्रेस को फायदा पहुंचाने का आरोप लगते रहे हैं। शिवसेना के बागी विधायक कह चुके हैं कि संजय राऊत अपने दम पर एक भी चुनाव नही जीत सकते हैं। सियासी घटनाक्रम में भी बागियों की मांग संजय राऊत को अलग करने की मांग थी, उनका कहना था अगर पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे संजय राऊत को किनारे करते हैं हम सभी उनसे आकर बात करने को तैयार हैं।