पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने खुद को ‘राक्षस’ कहे जाने को लेकर मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के खिलाफ हमला जारी रखते हुए शनिवार को कहा कि यह गलत पहचान का मामला हो सकता है और उन्होंने मुख्यमंत्री को ‘असली राक्षसों’ की पहचान के लिए मदद की पेशकश की। अपने व्हाट्सऐप संदेश में उन्होंने नारायणसामी से केंद्र प्रशासित क्षेत्र में जमीन हथियाने वाले और रंगदारी वसूलने वालों के रूप में मौजूद कई ‘असली राक्षसों’ की पहचान करने को कहा।
मई 2016 में पद संभालने के बाद से ही पूर्व आईपीएस अधिकारी का मुख्यमंत्री के साथ टकराव होता रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से उन ‘असली राक्षसों’ को पहचानने को कहा जो बुजुर्गों को धमकाते हैं और उनकी संपत्ति हथिया लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नागरिकों के साथ अक्सर जबरदस्ती की जाती है और कई बार तो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनसे धोखाधड़ी की जाती है।
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उन्होंने कहा कि इन राक्षसों को गुंडा भी कहा जाता है और अब इन पर पुलिस की नजर है। उन्होंने पुडुचेरी के पुलिस महानिदेशक बालाजी श्रीवास्तव द्वारा ऐसे राक्षसों की हिस्ट्री शीट खोलने के आदेश को रेखांकित किया। इसके तहत को ऐसे सभी राक्षसों का काला-चिट्ठा एकत्र कर इसमें उनके साथियों और उनसे लाभ हासिल करने वालों की जानकारी रखने को कहा गया था।
खोलने का निर्देश दिया गया है और वे उनके सभी सहयोगियों एवं लाभार्थियों के नाम का भी रिकॉर्ड रखेंगे। बेदी ने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री ‘असली राक्षसों’ की पहचान करना चाहते हैं तो वह उनकी मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि वह अपने आधिकारिक निवास स्थान ‘राज निवास’ में खुली शिकायत समाधान प्रणाली के माध्यम से नियमित आधार पर इन ‘राक्षसों’ के बारे में सुनती आ रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ‘राक्षस’ कहना गलत पहचान का मामला है क्योंकि राक्षस पुडुचेरी को जल-सम्पन्न नहीं बनाते और वहां पेड़ नहीं लगाते या भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में तेजी नहीं दिखाते और न ही पुडुचेरी में सीबीआई की एक शाखा खोलने के लिये कहते।’’ बेदी मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी को पहले ही असंसदीय, अशोभनीय बता चुकी हैं। 31 अक्टूबर को कांग्रेस के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बेदी के खिलाफ यह टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र ने उपराज्यपाल के रूप में एक राक्षस को नियुक्त किया है जो कथित रूप से कई कल्याणकारी योजनाओं में बाधा डालती रहती हैं।