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दुर्गा पूजा उत्सव पर कोलकाता HC ने कहा- पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान रात्रि प्रतिबंध हटाने के एक दिन बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा कि पूजा पंडालों को ‘कंटेनमेंट जोन’ माना जाएगा और श्रद्धालुओं को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान रात्रि प्रतिबंध हटाने के एक दिन बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा कि पूजा पंडालों को ‘कंटेनमेंट जोन’ माना जाएगा और श्रद्धालुओं को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। वही काली पूजा के लिए भी यह निर्देश लागू होगा, जो दुर्गा पूजा के लगभग 20 दिन बाद आती है।
हावड़ा निवासी अजय कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर एक आदेश पारित करते हुए, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश कुमार बिंदल की खंडपीठ ने कहा कि श्रद्धालुओं को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। इस साल पश्चिम बंगाल में भी दुर्गा पूजा पंडाल में लोगों को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल अदालत द्वारा लगाए गए सभी प्रतिबंध लागू रहेंगे।
राज्य की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता ने कहा कि अगर अदालत लोगों के अधिक लाभ के लिए इस तरह के प्रतिबंध लगाती है तो राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। पिछले साल न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एक ही व्यक्ति द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी श्रद्धालु को बाजारों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कोर्ट ने आदेश दिया था कि छोटे पंडालों के लिए प्रवेश द्वार से पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड्स लगाने होंगे, जबकि बड़े पंडालों के लिए यह दूरी 10 मीटर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैरिकेड्स पर नो-एंट्री बोर्ड होने चाहिए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आयोजन समितियों के 15 से 25 लोगों को ही पंडालों में प्रवेश की अनुमति होगी।
अदालत ने यह भी कहा था कि आयोजकों को श्रद्धालुओं को मास्क और सैनिटाइटर वितरित करना होगा, जागरूकता अभियान करना होगा और लगातार घोषणाएं करनी होंगी ताकि लोगों को बीमारी के खतरे के बारे में पता चल सके। इस वर्ष दुर्गा पूजा और काली पूजा उत्सव के दौरान ये सभी प्रतिबंध सक्रिय रहेंगे।

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