कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपनी छात्र इकाई में कम उम्र के युवाओं को शामिल करने के लिए इसके सदस्यों की ऊपरी आयु सीमा घटाकर 25 साल करने का फैसला किया है। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को कोलकाता में यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि अधिकांश कॉलेज और विश्वविद्यालयों में 30 से 32 साल के नेता टीएमसी के छात्र निकायों की कमान संभालते मिले हैं, जिसके मद्देनजर पार्टी आलाकमान ने तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) से जुड़े सदस्यों के लिए ऊपरी आयु सीमा घटाकर 25 साल करने का निर्णय लिया है।
विश्वविद्यालयों में छात्र संघों को नियंत्रित करते
टीएमसी 28 अगस्त को तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के रूप में मनाती है, जो अब राज्य के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र निकायों को नियंत्रित करता है।एक वरिष्ठ टीएमसी नेता ने कहा, “आमतौर पर छात्रों को ही छात्र राजनीति में शामिल होना चाहिए। लेकिन टीएमसी सहित ज्यादातर राजनीतिक दलों के मामले में ऐसा नहीं है। कई मौकों पर हमने देखा है कि जो लोग बहुत समय पहले कॉलेज और विश्वविद्यालयों से पास हो चुके हैं और जिनकी उम्र लगभग 30 से 32 साल के बीच है, वे विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्र संघों को नियंत्रित करते हैं इसलिए ऊपरी आयु सीमा को 25 वर्ष निर्धारित करने का प्रस्ताव पेश किया गया है।”
युवा इकाई के लिए कार्यकर्ता भी तैयार रखेगा
टीएमसी नेता के मुताबिक, यह कदम न केवल पार्टी संगठन में 20 से 21 साल के युवाओं के लिए अवसर सुनिश्चित करेगा, बल्कि छात्र परिषद छोड़ने के बाद इसकी युवा इकाई के लिए कार्यकर्ता भी तैयार रखेगा।उन्होंने कहा, “25 साल की उम्र के बाद टीएमसीपी के सदस्यों को छात्र संघ छोड़ना पड़ेगा। और अगर वे चाहते हैं तो तृणमूल युवा कांग्रेस से जुड़ सकते हैं। यह युवाओं को छात्र परिषद से युवा इकाई और फिर पार्टी संगठन में भेजने की स्वाभाविक प्रक्रिया है। पार्टी नेतृत्व ऊपरी आयु सीमा घटाने से जुड़े फैसले की घोषणा जल्द कर सकता है।”
भट्टाचार्य ने इस योजना की पुष्टि करते हुए कहा
टीएमसीपी के प्रदेश अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने इस योजना की पुष्टि करते हुए कहा, “चर्चा पूरी हो चुकी है।”टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी 29 अगस्त को छात्र इकाई के स्थापना दिवस को लेकर मेयो रोड पर एक रैली को संबोधित करने वाले हैं, क्योंकि 28 अगस्त (टीएमसीपी स्थापना दिवस) को रविवार है।अगली पीढ़ी के राजनेताओं को तैयार करने के लिए आधार मानी जाने वाली छात्र राजनीति के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित राज्य के लगभग सभी बड़े नेता इसकी उपज हैं।