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नौकरी जाने के डर से कंपनी में कैद हुए मजदूर

नौकरी जाने के डर से सैकड़ों मजदूर ने खुद को कंपनी में कैद कर कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कर्मचारी पिछले 3 दिन से कंपनी में सो रहे हैं।

रुद्रपुर : नौकरी जाने के डर से सैकड़ों मजदूरों ने खुद को कंपनी में कैद कर कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी पिछले तीन दिन से कंपनी में सो रहे काम कर रहे विरोध कर रहे हैं। इधर, बवाल होने की आशंका को देखते हुए कंपनी में पुलिस तैनात कर दी गई है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक कंपनी उनकी मांगे नहीं मान लेती, तब तक वह खुद को कंपनी में ही कैद रखेंगे। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से कारखाने में पुलिस भी तैनात कर दी गई है। सिडकुल के सेक्टर दो स्थित मैसर्स इंटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। दरअसल, कंपनी प्रबंधन और मजदूरों के बीच यह तनातनी सालाना इंक्रीमेंट को लेकर शुरू हुई।

कंपनी ने इस बार कर्मचारियों के वेतन में 12 सौ रुपये की वृद्धि की थी, जो कर्मचारियों को नागवार गुजरी। इस मामले में इंटरआर्क मजदूर संगठन मुखर हो गया और कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। संगठन ने कर्मचारियों को एकत्र किया और प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल दिया। इसे देखते हुए कंपनी ने किच्छा और सिडकुल स्थित दोनों संगठन के महामंत्री पान मोहम्मद व सौरभ कुमार समेत वीरेंद्र पटेल, जमीन खान, सुधीर यादव, जख्तार सिंह, विपिन कुमार, वीरेंद्र समेत दस लोगों को 72 घंटे के लिए काम से निकाल दिया। जिसके बाद मामला गर्म हो गया। 21 अगस्त से कंपनी के कर्मचारियों ने खुद को कंपनी में ही कैद कर दिया और कैंटीन के बाहर डेरा जमा लिया। अन्य साथियों के साथ डटे कंपनी के कंपनी के सहायक महाप्रबंधक-मानव संसाधन विभाग बीवी श्रीधर का कहना है कि इस साल कंपनी को भारी घाटा हुआ और कंपनी वार्षिक वेतन वृद्धि करने में असमर्थ थी।

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बावजूद इसके कंपनी ने श्रमिकों को प्रोत्साहित करने के लिए 1200 रुपये प्रतिमाह की वार्षिक वेतन वृद्धि की, जो श्रमिकों ने स्वीकार नहीं की। नजीता श्रमिकों और संगठनों ने कामबंदी, धीमी गति से काम करना, काम कर रहे कर्मचारियों को काम न करने के लिए उकसाना व भड़काने जैसी गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर दिया गया। जिससे कंपनी को आर्थिक क्षति हुई। उधर, एक ओर कर्मचारियों ने खुद को कंपनी में कैद कर रखा है तो दूसरी और शहर में श्रमिकों के परिजनों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। परिजनों ने श्रम कार्यालय के बाहर डेरा डाल लिया और कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सौरभ कुमार, पंकज कुमार शर्मा, प्रमोद कुमार वर्मा, जमील खान, रमेश भारती, उर्मिला देवी, देवी कुमारी, सपना कुमारी, शोभा देवी, लता सिंह, यशोदा देवी, सपना, दुर्गावती देवी, निहारिका सिंह, सीमा मिश्रा आदि थे।

– सुरेंद्र तनेजा

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