मराठा आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा के राज्यसभा सांसद संभाजी छत्रपति के नेतृत्व में सोमवार को नासिक में तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें महाराष्ट्र के दो मंत्रियों सहित पार्टी लाइन से अलग हट कर कई नेता इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए यहां गंगापुर रोड पर स्थित धरना स्थल पर पहुंचे।
प्रदर्शनकारी काली कमीज और काले मास्क लगा कर विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए थे। उन्होंने इसका मौन विरोध किया। उनका यह विरोध दस बजे से एक बजे तक चला। विरोध प्रदर्शन में जो अन्य नेता मौके पर पहुंचे उनमें दो मंत्री- राकांपा के छगन भुजबल तथा शिवसेना के दादा भूसे शामिल हैं। इसके अलावा राकांपा नेता एवं प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल शामिल हैं।
भुजबल ने कहा कि मराठा समुदाय को निश्चित तौर पर आरक्षण मिलना चाहिए। राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस ने भी इस मांग का समर्थन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठों के लिए आरक्षण एवं एवं स्थानीय निकाय विभाग में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को भी रद्द कर दिया है। मराठा समुदाय एवं ओबीसी वर्ग के लोगों को अपनी मांगों के समर्थन में एक साथ आना चाहिए और केंद्र सरकार को अदालती लड़ाई में इसका समर्थन करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पांच मई को महाराष्ट्र के उस कानून को रद्द कर दिया, जिसमें सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग श्रेणी में मराठों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया था। शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण कुल सीटों की संख्या के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। इस बीच विरोध प्रदर्शन के आयोजकों ने बताया कि भाजपा सांसद सम्भाजी छत्रपति बाद में एक बैठक को भी संबोधित करेंगे ।