हिमाचल में चुनाव आयोग ने चुनावी बिगुल बजा दिया हैं , प्रदेश में सभी दल पावर में आने के लिए लगातार लोगों से लुभावने वादे कर रहे हैं। कई दौर से बीजेपी - कांग्रेस के बीच ही सत्ता की अदला बदली का खेल चलता रहता हैं। लेकिन अबकी बार आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद प्रदेश में लड़ाई सत्ता पक्ष के लिए कड़ी हो गई हैं। कांग्रेस सत्ता को पाने के लिए राज्य का दस्तूर को बरकरार रखना चाहती हैं , लेकिन बीजेपी सत्ता को बनाए रखने के लिए डबल इंजन की सरकार के फायदे का हवाला दे रहे हैं। राज्य में कई अधिकांश कांग्रेस का नेतृत्व गुट में बदला रहा हैं। बीजेपी में पूर्व में राज्य की बागडोर के खिलाफ कई खिलाफ दिल्ली की आवाज उठा चुके हैं। लेकिन बीजेपी के नेताओं ने राज्य के सीएम की लोकप्रियता को ध्यान में रखकर मोदी के सहारे दोबारा सत्ता में वापसी के लिए दम भर रही हैं। इस भाजपा शासित राज्य में चुनाव आय़ोग ने 12 नंबर को मतदान कराने का फैसला किया हैं , व 8 तारीख को मतगणना की गिनती की जाएगी।
राज्य कांग्रेस व बीजेपी की स्थिति को देखते हुए एक सर्वे के आधार पर कहा गया हैं कि राज्य में दोबारा से बीजेपी सत्ता में वापसी कर रही हैं , जो 37 सालों के बाद का इतिहास रहेंगा । क्योंकि 37 सालों से लगातार बीजेपी -कांग्रेस दोनों पार्टिया ही सत्ता में आ जा रही हैं । अभी तक के चुनावी सर्वे के आधार पर राज्य में सत्तारूढ़ दल बीजेपी को 36 -46 सीटें मिलने के आसार दिख रहे हैं , वंही विपक्षीदल कांग्रेस को 202 -28 की सीटे मिल सकती हैं , जो सरकार बनाने के लिए काफी पीछे हैं । अगर बीजेपी सर्वे के आधार पर सत्ता में वापसी करती हैं तो 37 सालों में इतिहास होगा।
सीएम जयराम ठाकुर 36प्रतिशत लोगों की पंसद
सर्वे में पूछे गए सवाल में सीएम जयराम ठाकुर को राज्य की 36 प्रतिशत जनता उनको फिर से सीएम के रूप में देखना चाहती हैं , वहीं केंद्रिय मंत्री अनुराग ठाकुर भी बीजेपी सीएम के तौर पर 26 लोग पंसद करते हैं ।
क्या रहेंगा पार्टियों का वोट शेयर
एक समाचार चैनल के सर्वे के आधार पर सत्तारूढ़ दल बीजेपी को 46 फीसदी वोट शेयर मिल सकता हैं , जो सत्ता में वापसी का सबसे अहम संकेत हैं। लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस को 35.2 पर संतोष करना पड़ सकता हैं। चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के लिए राज्य में नई पार्टी के रूप में दस्तक देने वाली आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 6.३ के करीब आने के आसार हैं। आम आदमी पार्टी को राज्य में १- २ सीटों पर संतोष करना पड़ सकता हैं।