केरल सरकार ने सोमवार को कहा कि जब भी किसी इलाके के स्थानीय निवासी अपने क्षेत्र के करीब किसी हाथी को स्थानांतरित करने पर आपत्ति जताते हैं तो वह हर बार स्थान बदलने की मांग को लेकर अदालत नहीं जा सकती है। केरल के वन मंत्री ए के शशिंद्रन ने यह टिप्पणी इडुड्की जिले के चन्नकनाल से चावल खाने वाले हाथी ‘अरिक्कोम्बन’ को पालक्कड़ जिले में स्थानांतरित करने के खिलाफ परम्बिकुलम इलाके में हो रहे प्रदर्शन के संबंध में की है।
आदेश की समीक्षा के लिए उसका रुख नहीं
केरल उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते इस हाथी को पालक्कड़ के परम्बिकुलम बाघ अभयारण्य में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। इसका सुझाव अदालत की ओर से नियुक्त विशेषज्ञों की एक समिति ने दिया था। हालांकि, बाघ अभयारण्य के करीब रहने वाले स्थानीय निवासी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। शशिंद्रन ने यहां पत्रकारों से कहा कि जब भी किसी क्षेत्र के लोग हाथी को स्थानांतरित करने पर आपत्ति जताते हैं तो सरकार अदालत के आदेश की समीक्षा के लिए उसका रुख नहीं कर सकती है।
कानूनी विशेषज्ञों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी
मंत्री ने कहा, “ इससे कोई खुश नहीं होगा। कोई इसका स्वागत नहीं करेगा। लेकिन सरकार यह कहते हुए अदालत नहीं जा सकती कि यह जगह अच्छी नहीं है या वह जगह अच्छी नहीं है। यह तर्कपूर्ण नहीं है।” उन्होंने कहा कि सरकार, क्या करना है, इस पर निर्णय लेने से पहले कानूनी विशेषज्ञों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी।