तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को अनिश्चित काल तक नहीं बढ़ाया जा सकता और उसे जल्द समाप्त करना ही होगा, लेकिन यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
स्टालिन ने कहा कि राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन और बिस्तरों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सप्ताह के दौरान सरकार ने अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने की दिशा में कई प्रयास किए हैं। उन्होंने लोगों से कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की भी अपील की ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 24 मई से लागू किए गए सख्त लॉकडाउन के कारण चेन्नई समेत अन्य शहरों में संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है। चेन्नई में एक समय कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या सात हजार तक पहुंच गई थी जो अब घट कर तीन हजार से नीचे आ गई है। स्टालिन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना होगा कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण समाज के एक निश्चित वर्ग के लोगों की जीविका बुरी तरह से प्रभावित हुई है, इसलिए राज्य सरकार ने कोविड-19 सहायता योजना के तहत मिलने वाले चार हजार रूपए में से दो हजार रूपए की पहली किश्त मुहैया कराई है। उन्होंने कहा कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को अनिश्चित काल तक नहीं बढ़ाया जा सकता और उसे जल्द समाप्त करना ही होगा, लेकिन यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड टीकाकरण की रफ्तार भी तेज है और बीते 24 घंटे में तीन लाख लोगों को कोविड रोधी टीके की खुराक दी गयी है। हर दिन करीब 1.70 लाख नमूनों की आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है। गौरतलब है कि तमिलनाडु में 10 मई को कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसके बाद 24 मई से सभी प्रकार की रियायतों को समाप्त कर संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया जो कि सात जून तक रहेगा।