कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देशभर में हाहाकार मचाया हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे महामारी का आतंक कम होता जा रहा है। भारत में कई राज्यों में लॉकडाउन की पाबंदियों को पूरी तरह हटा दिया गया है। लेकिन अभी भी कई ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और जहां पाबंदियां अब भी जारी हैं। इसी तरह नागालैंड सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) ने लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ने को फैसला किया है। राज्यव्यापी लॉकडाउन 18 जून को समाप्त होने वाला है लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है।
नागालैंड योजना और समन्वय, भू-राजस्व और संसदीय कार्य मंत्री नीबा क्रोनू ने बताया कि कोहिमा में एचपीसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें तय किया गया कि लॉकडाउन को आगे बढ़ने या फिर हटाने के लिए स्थिति का जायजा लेने के बाद जरूरत के आधार पर 30 जून के बाद ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एचपीसी ने जिला टास्क फोर्स (डीटीएफ) को संबंधित जिलों की स्थिति के अनुसार छूट देने का अधिकार दिया है। सरकार का मानना है कि दैनिक कोरोना वायरस संक्रमण मामलों में धीरे-धीरे गिरावट आई है, फिर भी संक्रमण दर को पांच फीसदी से नीचे आने तक की आवश्यकता है।
बुधवार को कुल संक्रमण दर 9.3 फीसदी रही। क्रोनू ने आगाह किया कि कोरोना वायरस प्रसार की स्थिति पर नियंत्रण अभी भी संतोषजनक नहीं है। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों में कोरोना संक्रमण और मृत्यु दर में कमी आयी है। उन्होंने देखा कि दोनों मामले अभी भी काफी अधिक हैं और इसलिए हमें इन्हें इनकी दर को नीचे या नियंत्रित करने की आवश्यकता है और इस संबंध में ठोस प्रयास करने की जरूरत है।
उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका पर कहा कि अगर वास्तव में तीसरी लहर आती है तो राज्य को इससे निपटने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने बताया किया कि अब तक 60 फीसदी से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों और 45 वर्ष या फिर उससे अधिक उम्र के 29 प्रतिशत लोगों को टीका लगाया जा चुका है। क्रोनू ने कहा हालांकि 18 से 44 आयु वर्ग के 13 फीसद लोगों को अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण का टीका लगाया जा चुका है लेकिन इसमें सुधार करने की जरूरत है।