देश के कई बीजेपी शासित राज्यों ने लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने का ऐलान कर दिया है। इस पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लव जिहाद पर कानून लाने वाले राज्यों को संविधान पढ़ने की नसीहत दी है। ओवैसी का कहना है कि ऐसा कोई भी कानून संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है।
ओवैसी ने कहा, ‘इस तरह का कानून संविधान की धारा 14 और 21 के खिलाफ है। स्पेशल मैरिज एक्ट को तब खत्म कर दें। कानून की बात करने से पहले उन्हें संविधान को पढ़ना चाहिए।’ साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी युवाओं का ध्यान बेरोजगारी से हटाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।
दरअसल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के अलावा कर्नाटक सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने का ऐलान कर चुकी है। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार कर विधायी विभाग को भेज दिया है। पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनेगा।
MP फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2020
मध्य प्रदेश सरकार के नए कानून (मप्र फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2020) का ड्रॉफ्ट लगभग तैयार हो गया है। इसमें ताजा मामलों के पकड़े जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान तो है ही, लेकिन ऐसे विवाह यदि हो चुके हैं उन्हें रद्द करने का अधिकार भी फैमिली कोर्ट को दिया जा रहा है, लेकिन इसमें किसी सगे-संबंधी को यह पहले शिकायत करनी होगी कि यह प्रकरण और विवाह लव जिहाद से जुड़ा मसला है। इसके बाद अंतिम निर्णय फैमिली कोर्ट करेगा। फैमिली कोर्ट के फैसले को उच्च अदालत में चुनौती दी जा सकेगी।