मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि, राज्य में अब आगामी बजट आर्थिक क्षेत्र के विद्वानों और प्रमुख अर्थशास्त्रियों के शोध निष्कर्षों के आधार पर बनाया जाएगा। सीएम ने यह बात इंडियन इकोनामी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अधिवेशन में कही। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के संकल्प की पूर्ति में मध्य प्रदेश अधिकाधिक योगदान देगा।
विषय-विशेषज्ञ सरकार के लिए रत्नों से कम नहीं : सीएम
अधिवेशन में सीएम चौहान ने कहा कि, संगोष्ठी के प्रतिभागियों से प्राप्त सुझावों का मध्यप्रदेश सरकार सार्थक उपयोग करेगी। संगोष्ठी में अर्थशास्त्रियों ने मध्य प्रदेश में गत डेढ़ दशक में अर्जित उपलब्धियों का बखान भी किया और भविष्य के लिए आवश्यक प्राथमिकताओं के संबंध में सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि, सभी व्यक्ति विभिन्न विषय के विशेषज्ञ नहीं हो सकते। प्रधानमंत्री मोदी स्वयं विभिन्न विषय पर फीडबैक प्राप्त करते हैं। प्राचीन काल में दरबारों में नवरत्न हुआ करते थे। लेकिन वर्तमान व्यवस्था में विषय-विशेषज्ञ सरकार के लिए रत्नों से कम नहीं हैं।
प्रशासनिक अधिकारी भी बजट कार्यों में रहते है सक्रिय
सीएम शिवराज ने कहा कि, राज्य में आगामी तीन जनवरी से विभागवार बैठकें प्रारंभ की जा रही हैं, जिसमें विभागों की योजनाओं और राशि के प्रावधान पर विस्तार से विचार-विमर्श होगा। उन्होंने कहा, प्रशासनिक अधिकारी भी बजट तैयार करने के कार्यों में सक्रिय रहते हैं, लेकिन अर्थशास्त्रियों के सुझावों को प्राथमिकता देते हुए प्रदेश के बजट का निर्धारण होगा। जिन सुझावों पर तत्काल अमल संभव नहीं, उन पर दीर्घकालिक योजना में अमल किया जाएगा।