मानव तस्करी समेत कई आपराधिक मामलों में पखवाड़े भर से फरार चल रहे एक स्थानीय कारोबारी के करीबी रिश्तेदारों का अवैध कारखाना यहां शनिवार को ढहा दिया गया। इस कारोबारी की गिरफ्तारी पर इनाम की रकम बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गयी है।
इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के अधिकारियों ने बताया कि पोलोग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र में 2,500 वर्ग फुट से ज्यादा क्षेत्रफल में अवैध रूप से बना कारखाना जमींदोज कर दिया गया। इस कारखाने में इलेक्ट्रोप्लेटिंग (धातुओं से बनी वस्तुओं पर अन्य धातुओं की पतली परत चढ़ाना) का काम होता था।
उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि इस कारखाने को फरार कारोबारी जितेंद्र सोनी के भाई महेंद्र सोनी और उनके भतीजे जिग्नेश सोनी द्वारा चलाया जा रहा था। लेकिन इसके निर्माण के लिये आईएमसी से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी। इस इकाई के निर्माण में राज्य के उद्योग विभाग के तय पैमानों का भी उल्लंघन किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि गड़बड़ियों की अलग-अलग शिकायतें सही पाये जाने पर यहां जितेंद्र सोनी के एक सांध्य दैनिक का दफ्तर, दो बंगले, नाइट क्लब, होटल और रेस्तरां के अन्य अवैध निर्माण पहले ही हटाये जा चुके हैं।
इस बीच, पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जितेंद्र सोनी की गिरफ्तारी पर इनाम की रकम 30,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है जिसे मानव तस्करी समेत 30 से ज्यादा आपराधिक मामलों में कथित भूमिका के लिये ढूंढ़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जितेंद्र सोनी के दो भाइयों-महेंद्र सोनी और हुकुम सोनी पर भी मानव तस्करी और अन्य मामलों में पांच-पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। जितेंद्र सोनी की करीबी महिला मित्र सोनिया पर धोखाधड़ी के मामले में पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
सोनी, “संझा लोकस्वामी” के मालिक और प्रधान संपादक भी हैं। शाम का यह अखबार प्रदेश के कुख्यात हनी ट्रैप मामले में फंसे राजनेताओं और नौकरशाही से जुड़े रसूखदार लोगों से कथित रूप से संबंधित ऑडियो-वीडियो पर आधारित खबरें पिछले कई दिनों से प्रकाशित और प्रसारित कर रहा था। हनी ट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं और उनके चालक को भोपाल और इंदौर से सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। गिरोह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने “शिकारों”को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था।