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मध्यप्रदेश के विधायक हर साल विधानसभा में पेश करेंगे संपत्ति का ब्यौरा : सदन में प्रस्ताव पारित

मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि प्रदेश के विधायक हर साल जून से पहले अपनी संपत्ति का ब्यौरा विधानसभा में पेश करेंगे।

मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि प्रदेश के विधायक हर साल जून से पहले अपनी संपत्ति का ब्यौरा विधानसभा में पेश करेंगे। इसके बाद विधानसभा की वेबसाइट के जरिये प्रदेश के विधायकों और उनके आश्रितों की संपत्ति का विवरण सार्वजनिक किया जायेगा।
प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने इस संबंध में सदन में एक प्रस्ताव पेश किया। इसके तहत प्रदेश के सभी 230 विधायक हर साल 30 मार्च तक की स्थिति का अपनी और अपने आश्रितों की संपत्ति का ब्यौरा विधानसभा के प्रमुख सचिव को 30 जून से पहले प्रस्तुत कर देंगे।
प्रस्ताव में कहा गया है कि विधायक जिस प्रकार चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति का ब्यौरा पेश करते हैं, उसी प्रारुप फार्म में वे अपनी संपत्ति का ब्यौरा विधानसभा को भी पेश करें। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि संपत्ति का विवरण चार्टड एकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित होना चाहिये।
मंत्री ने कहा कि लोग अक्सर कहते हैं कि विधायक बनने के बाद किसी व्यक्ति का भाग्य बदल जाता है। अमुक व्यक्ति विधायक बनने से पहले साइकिल पर चलता था और विधायक बनने के बाद करोड़ों की मंहगी गाड़ी में चलने लगा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कथनों से बचने के लिए तथा राजनीतिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिये यह प्रस्ताव आवश्यक है।
प्रस्ताव पर बहस के दौरान भाजपा विधायकों ने इसका समर्थन किया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि कुछ ही राजनेता हैं जो अपनी संपत्ति का वास्तविक विवरण प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव ही पर्याप्त नहीं होगा बल्कि इस संबंध में एक कानून भी बनाया जाना चाहिये और अपनी संपत्ति के बारे में गलत जानकारी देने वालों को कड़ी सजा दी जानी चाहिये।
भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और संबद्ध सेवाओं के अधिकारियों को भी इस प्रस्ताव के दायरे में लाने की मांग की। विपक्ष द्वारा इस प्रस्ताव को समर्थन देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करने की घोषणा की।

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