मध्य प्रदेश में पुलिस विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। विभाग ने बिना ट्रेनिंग के कांस्टेबल्स की तनख्वाह बढ़ा दी है। मामला सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने सभी पुलिस इकाइयों को पत्र लिखकर 60 दिन के अंदर जानकारी देने को कहा है। इससे पता चलेगा कि ऐसे कितने पुलिस कांस्टेबल्स की नियमों के विरुद्ध सैलरी बढ़ायी गयी है।
यह मामला सामने तब आया जब पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने कांस्टेबल के वेतन वृद्धि को लेकर पड़ताल की थी। जब विभाग ने जांच की तो चौंकाने वाले बड़े खुलासे सामने आए। प्रशासन शाखा को पता चला कि प्रदेश में कई पुलिस इकाइयों में कांस्टेबल्स को ट्रेनिंग दिए बिना ही उनका वेतन बढ़ा दिया गया। इस खुलासे के बाद अब प्रशासन शाखा ने प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों से वेतन वृद्धि के बारे में जानकारी मांगी है।
मध्य प्रदेश के पुलिस फोर्स में इस समय 70 हजार से ज्यादा कॉन्स्टेबलस है। उन्हें समय-समय पर प्रमोशन दिया जाता है, साथ ही साल में एक बार वेतन में बढ़ोतरी की जाती है। यह सारी जानकारी कांस्टेबल की सर्विस बुक में लिखी जाती है। रिकॉर्ड मेंटेन करने की जिम्मेदारी अलग-अलग पुलिस इकाइयों की रहती है। अब सबका रिकॉर्ड पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा भेजा जायेगा।
पूरा रिकॉर्ड खंगालने पर अब इस बात का पता चलेगा कि कितने कांस्टेबल्स का नियमों के विरुद्ध वेतन बढ़ाया गया है और कितनी पुलिस इकाइयों में इस तरह की लापरवाही बरती गयी है। पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों को पत्र लिखकर कहा है कि आरक्षक को बुनियादी प्रशिक्षण और फील्ड प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ही वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए। इसमें जो खामियां हैं वो दूर की जाए।