मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार तमिलनाडु में नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वे विधानसभा चुनावों के नतीजों की दो मई को घोषणा के बाद जश्न मनाने या पटाखे फोड़ने से परहेज करें। वहीं केरल उच्च न्यायालय ने भी राज्य में दो मई को होने वाली मतगणना को देखते हुए पुलिस और विभिन्न जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि एक मई से चार दिनों तक राज्य में कहीं लोगों की भीड़ न जुटे।
मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों को नियंत्रण में रखना चाहिए।मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिल कुमार रामामूर्ति की प्रथम पीठ ने कहा कि महामारी की मौजूदा गंभीर स्थिति में जब तक कमी नहीं आती तब तक कोई जश्न, पटाखे फोड़ना या रैलियां नहीं होंगी। उन्हें सक्रियता से कदम उठाकर दूसरे के लिये उदाहरण बनना चाहिए।
अदालत ने दो मई को होने वाली मतगणना के लिये राज्य के स्वास्थ्य विभाग और निर्वाचन आयोग द्वारा किये गए इंतजामों पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए यह बात कही।केरल उच्च न्यायालय ने मतगणना के बाद राजनीतिक दलों विजय जुलूस पर पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।
न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने पुलिस और जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिये जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया कि कोई सामाजिक या राजनीतिक आयोजन, सभा, किसी तरह की जुलूस या परेड न निकाली जाए।