देश में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी बवाल ने कई और विवादों को जन्म दे दिया है, मथुरा ईदगाह मस्जिद हो या दिल्ली की जामा मस्जिद पर छिड़ा विवाद अब यह बवाल महाराष्ट्र में औरंगजेब के मकबरे तक जा पहुंचा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने गुरुवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में मुगल सम्राट औरंगजेब के मकबरे को 5 दिनों के लिए बंद कर दिया है। इसके पीछे यह कारण है कि इलाके में एक मस्जिद समिति ने बुधवार को इस जगह को बंद कर ताला लगाने की कोशिश की थी। यह सारा विवाद मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले के एक ट्वीट से शुरू हुआ।
जानें क्या है पूरा मामला, कहां से हुई विवाद की शुरुआत?
दरअसल मनसे प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में औरंगजेब के मकबरे के अस्तित्व की आवश्यकता पर सवाल उठाया था और कहा था कि इसे नष्ट कर दिया जाना चाहिए। बता दें कि काले की यह टिप्पणी इस महीने की शुरुआत में एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के मकबरे के दौरे के बाद आई है, जिसकी सत्तारूढ़ शिवसेना के साथ-साथ भाजपा और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे द्वारा आलोचना की गई थी। जहां भाजपा नेताओं ने ओवैसी के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज करने की मांग की थी, वहीं राकांपा प्रमुख शरद पवार ने आश्चर्य जताया कि क्या इस तरह के कृत्य का उद्देश्य महाराष्ट्र में एक नया विवाद पैदा करना है?
मस्जिद समिति की दरखास्त पर बंद हुआ औरंगजेब का मकबरा
इसके बाद, औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद में एएसआई संरक्षित स्मारक स्थल पर औरंगाबाद पुलिस और एएसआई द्वारा किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई और प्रत्येक व्यक्ति की उचित जांच की जा रही है। हालांकि, मस्जिद समिति ने पुलिस अधिकारियों से कुछ दिनों के लिए मकबरे को बंद करने का अनुरोध किया, जिसके बाद एएसआई द्वारा एक निर्णय लिया गया।
एएसआई के औरंगाबाद सर्कल अधीक्षक मिलनकुमार चौले ने पुष्टि करते हुए कहा कि मस्जिद कमेटी और पुलिस के अनुरोध पर गुरुवार से मकबरे को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। औरंगाबाद पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “स्मारक स्थल पर स्थिति नियंत्रण में है और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। हालांकि, एहतियात के तौर पर मकबरे को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।”
जानें क्या है पूरा मामला, कहां से हुई विवाद की शुरुआत?
दरअसल मनसे प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में औरंगजेब के मकबरे के अस्तित्व की आवश्यकता पर सवाल उठाया था और कहा था कि इसे नष्ट कर दिया जाना चाहिए। बता दें कि काले की यह टिप्पणी इस महीने की शुरुआत में एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के मकबरे के दौरे के बाद आई है, जिसकी सत्तारूढ़ शिवसेना के साथ-साथ भाजपा और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे द्वारा आलोचना की गई थी। जहां भाजपा नेताओं ने ओवैसी के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज करने की मांग की थी, वहीं राकांपा प्रमुख शरद पवार ने आश्चर्य जताया कि क्या इस तरह के कृत्य का उद्देश्य महाराष्ट्र में एक नया विवाद पैदा करना है?
मस्जिद समिति की दरखास्त पर बंद हुआ औरंगजेब का मकबरा
इसके बाद, औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद में एएसआई संरक्षित स्मारक स्थल पर औरंगाबाद पुलिस और एएसआई द्वारा किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई और प्रत्येक व्यक्ति की उचित जांच की जा रही है। हालांकि, मस्जिद समिति ने पुलिस अधिकारियों से कुछ दिनों के लिए मकबरे को बंद करने का अनुरोध किया, जिसके बाद एएसआई द्वारा एक निर्णय लिया गया।
एएसआई के औरंगाबाद सर्कल अधीक्षक मिलनकुमार चौले ने पुष्टि करते हुए कहा कि मस्जिद कमेटी और पुलिस के अनुरोध पर गुरुवार से मकबरे को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। औरंगाबाद पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “स्मारक स्थल पर स्थिति नियंत्रण में है और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। हालांकि, एहतियात के तौर पर मकबरे को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।”
