बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को यहां के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में पांच अक्टूबर को दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति नहीं दी। बीएमसी के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
बीएमसी के अधिकारियों के अनुसार, मुंबई पुलिस द्वारा उठाए गए कानून व्यवस्था से संबंधित मुद्दों के आधार पर शिवाजी पार्क में रैली आयोजन की अनुमति देने से इनकार किया गया।पिछले हफ्ते शिंदे गुट को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में एक रैली करने की अनुमति मिली थी।
बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बीएमसी प्रशासन ने शिवसेना के दोनों गुटों को पांच अक्टूबर को दशहरा के अवसर पर शिवाजी पार्क में एक रैली के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
बीएमसी के अनुसार, शिवाजी पार्क पुलिस ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि दोनों गुटों में से किसी एक को भी रैली के आयोजन की अनुमति देने की स्थिति में ‘‘कानून व्यवस्था के लिहाज से संवेदनशील शिवाजी पार्क क्षेत्र में गंभीर समस्या’’ हो सकती है।अधिकारियों ने बताया कि बीएमसी ने पत्र भेजकर दोनों गुटों को अनुमति नहीं देने की जानकारी दी है।ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के अनिल देसाई ने 22 अगस्त को बीएमसी को मध्य मुंबई के प्रतिष्ठित पार्क में रैली आयोजित करने की अनुमति के लिए आवेदन दिया था।बाद में 30 अगस्त को शिंदे गुट के विधायक सदा सर्वंकर ने भी दशहरा रैली आयोजित करने के लिए बीएमसी के जी-नॉर्थ वार्ड से अनुमति को लेकर आवेदन किया था।
सयुक्त राष्ट्र संघ में सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने औपचारिक तौर से स्पष्ट किया कि भारत का सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य न बनना बल्कि हमारे नहीं अपितु वैश्विक निकाय के लिए उचित सही नहीं हैं, हालांकि, इसमें सुधार पहले से ही किया जाना चाहिए था।
जयशंकर से पूछा गया था कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने में कितना वक्त लगेगा ? उन्होंने कहा कि वह भारत को स्थायी सदस्यता दिलाने के लिए काम कर रहे हैं।उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘जब मैं कहता हूं कि मैं इस पर काम कर रहा हूं तो इसका मतलब है कि मैं इसे लेकर गंभीर हूं।’’
जयशंकर कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स के राज सेंटर में कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तथा नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के साथ बातचीत कर रहे थे।उन्होंने कहा, ‘‘ स्वभाविक रूप ये यह बहुत कठिन काम है क्योंकि अंत में आप अगर आप कहेंगे कि हमारी वैश्विक व्यवस्था की परिभाषा क्या है। वैश्विक व्यवस्था की परिभाषा को लेकर पांच स्थायी सदस्य बहुत महत्वपूण हैं इसलिए हम जो मांग कर रहे हैं, वह बहुत ही मौलिक, बहुत गहरे बदलाव से जुड़ा है।’’
ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं तथा इन देशों किसी भी प्रस्ताव पर वीटो करने का अधिकार प्राप्त है। समसामयिक वैश्विक वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग बढ़ रही है।
इस बीच, विदेश मंत्री ने कहा कि हम मानते हैं कि बदलाव काफी समय से अपेक्षित है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र 80 वर्ष पहले की स्थितियों के परिणामस्वरूप बनी।उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा, यह दुनिया की सबसे घनी आबादी वाला देश होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे देश का अहम वैश्विक परिषदों का हिस्सा न होना जाहिर तौर पर न केवल हमारे लिए बल्कि वैश्विक परिषद के लिए भी अच्छा नहीं है।’’गौरतलब है कि भारत के पास अभी सुरक्षा परिषद के गैर स्थायी सदस्य के तौर पर दो साल का कार्यकाल है। उसका कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो जाएगा।
बीएमसी के जोन-2 के उप नगर निगम आयुक्त ने शिवाजी पार्क पुलिस थाना की कानून व्यवस्था की चिंताओं के आधार पर ठाकरे ओर शिंदे दोनों गुटों को अनुमति नहीं दी। दोनों गुटों को भेजे गए बीएमसी के पत्र में पुलिस की टिप्पणी के हवाले से कहा गया है, ‘‘दोनों गुट की अर्जी में शिवाजी महाराज पार्क मैदान में दशहरा रैली के अनुमति के लिए आग्रह किया गया है। अगर किसी भी गुट को संवेदनशील शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन की अनुमति दी गई तो इससे कानून व्यवस्था से संबंधित गंभीर समस्या हो सकती है।’’इस बीच, विधायक सदा सर्वंकर ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर शिवाजी पार्क में वार्षिक दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति से संबंधित ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई नहीं करने या फैसला नहीं सुनाने अनुरोध किया है।