महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुछ चुनावों में मतदाताओं को ईवीएम के अलावा मतपत्र से मतदान करने का विकल्प देने संबंधी कानून बनाने के लिए यदि कोई सुझाव दिया जाता है तो राज्य मंत्रिमंडल उस पर चर्चा करने के बाद निर्णय लेगा।
इससे दो दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने विधानसभा से आग्रह किया था कि स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को ईवीएम के अलावा मतपत्र से मतदान करने का विकल्प देने के लिए कानून बनाया जाए।
पटोले के बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर पवार ने संवाददाताओं से कहा, “यदि कोई सुझाव आता है तो मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य उस पर चर्चा कर अंतिम निर्णय लेंगे। हम चर्चा करने के बाद निर्णय लेंगे।” पवार ने कहा कि ईवीएम से कागज और पैसे की बचत होती है इसलिए मतपत्रों का इस्तेमाल बंद हो गया।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने राज्य सरकार पर लगे उस आरोप का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि 30 जनवरी को पुणे में हुई एल्गार परिषद की बैठक में दिए गए आपत्तिजनक भाषण के संबंध में सरकार ने कड़ी कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, “सरकार उस मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर रही है। महामारी के दौरान सरकार का कैसा रुख था, यह हमने देखा है। संबंधित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।”